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Uttarakhand: फायर सीजन में अब तक आग की 88 घटनाएं, 110 हेक्टेयर जंगल झुलसा

तापमान में उछाल के साथ ही उत्तराखंड में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ी हैं मगर यह पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। फायर सीजन में अब तक आग की 88 घटनाएं हो चुकी हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:27 AM (IST)
Uttarakhand: फायर सीजन में अब तक आग की 88 घटनाएं, 110 हेक्टेयर जंगल झुलसा
Uttarakhand: फायर सीजन में अब तक आग की 88 घटनाएं, 110 हेक्टेयर जंगल झुलसा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। तापमान में उछाल के साथ ही उत्तराखंड में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ी हैं, मगर यह पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। 15 फरवरी को फायर सीजन शुरू होने के बाद से मौसम के साथ देने का असर रहा कि 21 मई तक राज्य में आग की 31 घटनाओं में सिर्फ 27.53 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा था। 

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इसके बाद पारा उछला तो वनों में आग की घटनाएं भी बढ़ी और 27 मई तक इनमें 57 की वृद्धि हो गई। साथ ही प्रभावित क्षेत्र भी बढ़कर 110.53 हेक्टेयर पहुंच गया। हालांकि, पिछले साल इसी अवधि में अब तक 1654 हेक्टेयर जंगल को आग से नुकसान पहुंचा था। इस बीच मौसम के करवट बदलने से वन महकमे ने फिर राहत की सांस ली है।

मुस्तैदी से जुटे हैं वन कर्मी 

मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी (वनाग्नि) वीके गांगटे के मुताबिक, यह ठीक है कि पिछले एक हफ्ते में जंगलों की आग की घटनाएं बढ़ी, मगर इनसे निबटने को वनकर्मी पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। ग्रामीणों का भी इसमें सहयोग मिल रहा है। कहीं भी आग की विकराल होने जैसी स्थिति नहीं है।   

आपदा से निपटने के लिए रहें मुस्तैद: डीएम

पौड़ी विकासभवन सभागार में मानसून सीजन की पूर्व तैयारी को लेकर जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। उन्होंने जनपद में मानसून सीजन के दौरान बारिश, दैवीय आपदा से होने वाले संभावित नुकसान को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों को आपदा से निपटने के लिए मुस्तैदी के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बीते वर्ष मानसून सीजन में हुई क्षति की जानकारी भी ली।

बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए संबंधित अधिकारी तैयार रहें। उन्होंने मानसून सीजन के दौरान बारिश होने से क्षेत्रों में पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने के दृष्टिगत मरम्मत करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को जल संस्थान पौड़ी व कोटद्वार के लिए पांच-पांच लाख की धनराशि जारी करने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने श्रीनगर- पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्षतिग्रस्त मार्ग का सुधारीकरण न किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारी को जल्द सुधारीकरण करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा डीएम ने मानसून अवधी में दैवीय आपदा से संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान के साथ ही रेखीय विभाग व तहसील स्तर पर कंट्रोल रुम स्थापित करने को कहा। डीएम ने वन विभाग, जल संस्थान, ङ्क्षसचाई विभाग, पुलिस, लोनिवि, विद्युत विभाग समेत अन्य संबंधित विभाग को भी मानसून के दौरान दैवी आपदा से संबंधित सूचनाएं हर रोज कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 

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इस दौरान आयोजित बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, सीएमओ डॉ. मनोज बहुखंडी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एपीडी सुनील कुमार आदि मौजूद थे।

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