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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले कलाकार, किया फिल्म नीति में संशोधन का अनुरोध

Uttarakhand Film Policy फिल्म कलाकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर राज्य की फिल्म नीति में संशोधन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में रहने वाले कलाकारों के सामने रोजगार के नए आयाम खुलेंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 04:06 PM (IST)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले कलाकार, किया फिल्म नीति में संशोधन का अनुरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले कलाकार, किया फिल्म नीति में संशोधन का अनुरोध।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Film Policy उत्तराखंड के फिल्म कलाकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर राज्य की फिल्म नीति में संशोधन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में रहने वाले कलाकारों के सामने रोजगार के नए आयाम खुलेंगे।

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मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान फिल्म कलाकारों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में अब फिल्म निर्माण के कार्यों में तेजी आई है। इन फिल्मों में राज्य के कलाकारों को छोटी-छोटी भूमिकाएं दी जा सकती हैं। कई बार ये सिर्फ समूह के रूप में शामिल किए जाते हैं।

ऐसे मे इनका शोषण हो रहा है। प्रदेश में मध्य प्रदेश की भांति फिल्म नीति बनाई जाए। इससे मध्य प्रदेश की भांति उत्तराखंड के कलाकारों को फिल्मों में अच्छे रोल मिल सकेंगे। प्रतिनिधिमंडल में बद्रीश छाबड़ा, अभिषेक मैंदोला, मोहन जोशी, गायत्री टम्टा, अनुराग वर्मा, उत्तम बंदूनी और मिताली पुनेठा शामिल थे।

शासन को भेजा सरेंडर पालिसी का प्रस्ताव

प्रदेश सरकार अब व्यावसायिक वाहन संचालकों को बड़ी राहत देने जा रही है। इस कड़ी में वाहनों की सरेंडर पालिसी का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। इसमें व्यावसायिक वाहन स्वामी साल में पहली बार छह माह के लिए वाहन सरेंडर कर सकेगा। इसके बाद विशेष परिस्थितियों में दूसरी बार भी वाहनों को सरेंडर करने की छूट मिल सकेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले वाहनों की सरेंडर पालिसी बदलने के लिए परिवहन विभाग को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। दरअसल, मौजूदा पालिसी में एक साल में केवल दो ही बार वाहन सरेंडर करने की छूट है। इसकी सीमा बढ़ाने के लिए उसे टैक्स देना पड़ता है। टैक्स भरने में देरी पर विलंब शुल्क भी लगता है। इससे परिवहन व्यवसायियों में रोष है। उन्होंने यह मसला मुख्यमंत्री के सामने रखा था। अब इस व्यवस्था को बदलने की तैयारी है।

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