Freedom Fighters History: स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद सैनिकों के बारे में जानेगा हर बच्चा, जानिए कैसे
Freedom Fighters History उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीद सैनिकों के बारे में नई पीढ़ी अनजान नहीं रहेगी। इन सबके जीवन वृत्त को कहानी के रूप में शामिल कर स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीद सैनिकों के बारे में नई पीढ़ी अनजान नहीं रहेगी। इन सबके जीवन वृत्त को कहानी के रूप में शामिल कर स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। यह सबकुछ नई शिक्षा नीति के तहत किया जाएगा।
प्रदेश सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जल्द अमल करने जा रही है। नई नीति के जिन बिंदुओं पर वित्तीय खर्च नहीं होना है, उन्हें तुरंत अमलीजामा पहना दिया जाएगा। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। छठी से आठवीं कक्षा तक नैतिक शिक्षा को लागू किया जा रहा है। साथ में उत्तराखंड से नाता रखने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में स्कूली बच्चों को बताया जाएगा। आजादी की लड़ाई में सेनानियों के संघर्ष और अमूल्य योगदान के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी। सहायक पुस्तिकाएं तैयार करेगा विभाग शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इस विषय पर जल्द अमल किया जाएगा। आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के योगदान के बारे में बच्चों को विस्तार से पता होना चाहिए।
उत्तराखंड सैनिक बहुल राज्य है। प्रत्येक परिवार में सैन्य पृष्ठभूमि के लोग हैं। छठी से आठवीं के स्कूली पाठ्यक्रम में देश की सुरक्षा करते हुए अपना जीवन देने वाले शहीद सैनिकों की जीवन गाथा को शामिल किया जाएगा। इनके बारे में अब राज्य का बच्चा-बच्चा जान सकेगा। शिक्षा विभाग को इससे संबंधित सहायक पुस्तिकाएं विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इसे जल्द लागू किया जा सके।
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सभी अटल उत्कृष्ट में एनएसएस
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि सभी राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को लागू किया जाएगा। एनएसएस कार्यक्रम छात्रों में अपने आसपास के समाज के बारे में समझ विकसित करने में मदद करता है। इसके माध्यम से छात्रों के साथ ही समाज को भी जागरूक करने में मदद मिल रही है। छात्रों में सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी की ललक बढ़ रही है। इस वजह से यह कार्यक्रम सभी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रारंभ किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों को इसे प्राथमिकता से लेने की हिदायत दी गई है।
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