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भाइयों की कलाई पर सजी प्रेम की डोर, लिया रक्षा का संकल्प

भाई बहन का प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व उत्‍साह के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखी बांधा वहीं भाई ने बहनों की रक्षा का संकल्‍प लिया। पूरे दिन शुभ मुहूर्त के चलते देर शाम तक राखी बांधने का क्रम चलता रहा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 04:56 PM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 05:50 PM (IST)
भाइयों की कलाई पर सजी प्रेम की डोर, लिया रक्षा का संकल्प
भाई-बहन के प्यार का प्रतीक 'रक्षाबंधन' का पवित्र त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया।

जागरण संवादददाता, देहरादून: भाई-बहन के प्यार का प्रतीक 'रक्षाबंधन' का पवित्र त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया। बहन ने भाई की कलाई पर प्रेम की डोर बांधी, तो भाई ने भी बहनों की जीवन भर रक्षा करने का संकल्प लिया। हर भाई ने बहन को जो उपहार भेंट किए, बहन ने भी उसका कीमत से नहीं आंका, बल्कि उसमें छिपे प्यार को महत्व दिया। पूरे दिन राखी बांधने का मुहूर्त के चलते दूर दराज से बहनों ने भाई की कलाई पर रंगबिरंगी राखी पहनाई।

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रविवार सुबह से ही रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया। बहन ने भाई के माथे पर अक्षत, तिलक लगाकर हाथ की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिलाई। इसके बाद भाईयों ने बहनों को उपहार भेंट किए। बहनों के घर दूर-दूर से आने वाले भाईयों का तांता लगा रहा। शाम तक रक्षाबंधन मनाया गया। 

शरीर के दाहिने हिस्से में नियंत्रण शक्ति ज्यादा

उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाई की दाहिनी कलाई पर ही बहन को राखी बांधना चाहिए। माना जाता है कि शरीर का दाहिना हिस्सा पवित्र होता है, इसलिए धार्मिक कार्यों में सभी काम सीधे हाथ से ही किए जाते हैं। दाहिने हाथ को जीवन के कर्मों का हाथ भी माना गया है। शरीर के दाहिने हिस्से में नियंत्रण शक्ति भी ज्यादा होती है।

इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दी बधाई

रक्षाबंधन पर जो भाई बहनों से दूर थे और उनसे मिलने नही आ पाए, उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूजा करवाई और बहन को सुख दुख में साथ रहने का संकल्प लिया। कई युवा अपनी बहनों से जुड़े दिलचस्प वाक्य साझा करते नजर आए तो किसी ने अपनी बहन की रक्षा एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 

पेड़ पर रक्षासूत्र बांध लिया संकल्प

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होने के साथ ही इस पर्व को पर्यावरण प्रेमी प्रकृति के साथ मनाते हैं। कई पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों में रक्षासूत्र बांधकर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया। राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी एवं आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने कचहरी स्थित शहीद स्थल पर वृक्षों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर नवनीत सिंह गुसाईं ,विपुल नौटियाल, जगमोहन रावत, बालेश बवानिया, सुरजीत सिंह ,मोहन भट्ट, अमित पवार सिंह,प्रभात डंडरियाल, विनोद असवाल, आदि रहे।

वहीं करनपुर निवासी दो बहनें प्रज्ञा सिंह और कोमल सिंह परिसर में वृक्षों को बड़ा भाई तरह और उनकी रक्षा की कामना की।

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मिठाई को दुकानों और उमड़ी भीड़

रक्षाबंधन पर अपनों से मिलने जाने के लिए बहन भाइयों ने सुबह से मिठाई व फल की खरीदारी की।सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। वहीं, बहनें अपने भाई की पसंदीदा काजू कतली, बर्फी, रसमलाई, रसगुल्ले, गुलाब जामुन, मिल्क केक, घेवर आदि खरीदारी करती नजर आईं।

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