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कीर्तनी जत्थे ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया

गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के तत्‍वावधान में रविदास का जन्मोत्सव को समर्पित गुरमत समागम में निष्काम अखंड कीर्तनी जत्थे ने आसा दी वार का शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया। हेड ग्रंथी शमशेर सिंह ने भक्त रविदास के जीवन के बारे में बताया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 04:07 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 04:07 PM (IST)
कीर्तनी जत्थे ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया
गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में निष्काम अखंड कीर्तनी जत्थे ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के तत्‍वावधान में रविदास का जन्मोत्सव को समर्पित गुरमत समागम में निष्काम अखंड कीर्तनी जत्थे ने आसा दी वार का शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया। रविवार को सुबह नितनेम के पश्चात हजूरी रागी चरणजीत सिंह ने शबद " मोहे न विसारो मैं जन तेरा एवं सगल भवन के नायका, इक छिन दरस दिखाये, अखण्ड कीर्तनी जत्थे वालों ने "कोई आवै संतों हऱ का जन संतों एवं बेगमपुरा शहर को नाऊ, दुःख अंदोह नहीं तह ठाउँ " का गायन कर संगत को निहाल किया।

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हेड ग्रंथी शमशेर सिंह ने भक्त रविदास के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि भक्त रविदास ने सांसारिक कहे जाने वाली छोटी जात में रह कर भक्ति करके उत्तम स्थान प्राप्त किया। समय के मुताबिक उन्होंने सांसारिक कुरीतियों को दूर करने के लिए 41 शबद उच्चारण किए, जो गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। उनका साधारण जीवन प्रभु भक्ति से जुड़ा रहा। उन्‍होंने अहंकार को दूर करने, प्रभु भक्ति और मिलजूल कर रहना सिखाया। कार्यक्रम के बाद संगत ने गुरु का लंगर छका।

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इस मौके पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, रजिंदर सिंह राजा, बीबी जीत कौर, जीएस डंग, दलीप सिंह, हरप्रीत सिंह, दलबीर सिंह कलेर जसविंदर सिंह, बलबीर  सिंह दुआ, सेवा सिंह मठारू, अमरजीत सिंह, हरदेव सिंह, कृपाल सिंह चावला, विजयपाल सिंह आदि मौजूद रहे। 

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