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Coronavirus: पैथकाइंड लैब ने सार्वजनिक किए जांच के आंकड़े, पॉजिटिविटी रेट तीन हफ्ते से 40 पार

निजी लैबों की कोरोना जांच में पॉजिटिविटी रेट के ऊपर जाने को लेकर शासन और प्रशासन की चिंता गैर वाजिब भी नहीं थी। हालांकि उच्च पॉजिटिविटी रेट को असामान्य मानते हुए जिलाधिकारी ने जांच टीम भी गठित की है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 02:59 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 04:05 PM (IST)
Coronavirus: पैथकाइंड लैब ने सार्वजनिक किए जांच के आंकड़े, पॉजिटिविटी रेट तीन हफ्ते से 40 पार
पैथकाइंड लैब ने सार्वजनिक किए जांच के आंकड़े।

देहरादून, जेएनएन। निजी लैबों की कोरोना जांच में पॉजिटिविटी रेट के ऊपर जाने को लेकर शासन और प्रशासन की चिंता गैर वाजिब भी नहीं थी। हालांकि, उच्च पॉजिटिविटी रेट को असामान्य मानते हुए जिलाधिकारी ने जांच टीम भी गठित की है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि निजी लैबों का उच्च पॉजिटिविटी रेट सामान्य है या इसके पीछे कोई खेल है। देर-सबेर इस पर से पर्दा भी उठ जाएगा, मगर अपनी तरफ से पहल करते हुए पैथकाइंड लैब ने जुलाई से लेकर 19 सितंबर तक साप्ताहिक आधार पर कोरोना जांच के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। 

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आंकड़े बताते हैं कि एक सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक के तीन सप्ताह में पॉजिटिविटी दर 40 फीसद से ऊपर रही है। पैथकाइंड लैब के आंकड़ों के मुताबिक एक जुलाई से लेकर 14 जुलाई तक 176 सैंपल की जांच की गई। इस जांच में महज चार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यानी कि पॉजिटिविटी रेट दो से तीन फीसद ही रहा। जैसे-जैसे समय बीता, यह दर भी ऊपर चढ़ने लगे। जुलाई माह के अंत तक पॉजिटिविटी दर 16 फीसद पर पहुंच गई थी। अगस्त के अंत तक 32 फीसद और इसके बाद हर हफ्ते पॉजिटिविटी रेट 40 फीसद से ही ऊपर रहा। इस रेट को अभी संदेह की नजर से देखा जा रहा है, लेकिन लैब के रीजनल बिजनेस हेड निशांत जौहरी इसे उचित परिणाम मानते हैं। 
उनका कहना है कि अनलॉक के हर चरण में जैसे-जैसे ढील मिलती गई, कोरोना का संक्रमण भी बढ़ता गया। पहले हर व्यक्ति अधिक से अधिक एहतियात बरत रहा था, जबकि धीरे-धीरे कर नागरिकों में बेख्याली बढ़ती जा रही है। इसके अलावा उनकी लैब में 90 से 95 फीसद सैंपल विभिन्न अस्पतालों से आ रहे हैं। इस तरह के सैंपल पहले से ही हाई रिस्क की श्रेणी में हैं। कई व्यक्ति लक्षण आने के बाद या हाई रिस्क कॉन्टेक्ट होने के चलते स्वयं जांच करा रहे हैं। इसके चलते भी पॉजिटिविटी रेट ऊपर जा रहा है।
 टेस्टिंग किट अधिक संवेदनशील पैथकाइंड के रीजनल बिजनेस हेड जौरी बताते हैं कि वह आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग किट प्रयोग में लाते हैं, उनका लोड ऐस 10 से लेकर 05 जीसीई (जीनोम कैरेक्टर इस्टीमेटर) तक भी है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि किसी व्यक्ति के सैंपल में वायरस की महज 10 या पांच जीनोम कॉपी भी हैं तो वह उसे पकड़ लेगा। ज्यादातर सरकारी टेस्टिंग में इस क्षमता की किट का प्रयोग नहीं किया जा रहा। यह कोरोना का आंकड़ा बढ़ाने का मामला नहीं है, बल्कि उनकी किट के माध्यम से कम वायरस जीनोम कॉपी वाले संक्रमित व्यक्ति भी पकड़ में आ पा रहे हैं। 
पैथकाइंड का पॉजिटिविटी रेट (साप्ताहिक आधार पर फीसद में) 
अवधि,         सैंपल, पॉजिटिविटी रेट 
01 से 07 जुलाई, 63,  02 
08 से 14 जुलाई, 113, 03 
15 से 21 जुलाई, 141, 06 
22 से 31 जुलाई, 252, 16 
01 से 07 अगस्त, 122, 14 
08 से 14 अगस्त, 121, 10 
15 से 21 अगस्त, 158, 27 
22 से 30 अगस्त, 508, 32 
01 से 07 सितंबर, 524, 43 
08 से 14 सितंबर, 757, 43 
15 से 19 सितंबर, 296, 41

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