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रेसीजोन बिल्डवेल की 70 लाख रुपये की आरसी कटी Dehradun News

दून के सहस्रधारा रोड स्थित मयूर विहार में आवासीय परियोजना का निर्माण कर रहे रेसीजोन बिल्डवेल प्रा.लि. पर आखिरकार आरसी काटने की तलवार लटक ही गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 02:53 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 02:53 PM (IST)
रेसीजोन बिल्डवेल की 70 लाख रुपये की आरसी कटी Dehradun News
रेसीजोन बिल्डवेल की 70 लाख रुपये की आरसी कटी Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। सहस्रधारा रोड स्थित मयूर विहार में आवासीय परियोजना का निर्माण कर रहे रेसीजोन बिल्डवेल प्रा.लि. पर आखिरकार आरसी काटने की तलवार लटक ही गई। रेरा ने दो निवेशकों के करीब 70 लाख रुपये न लौटाने पर जिलाधिकारी देहरादून को वसूली करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस राशि पर छह फरवरी से लेकर वसूली करने की तिथि तक मूलधन पर 10.25 फीसद का ब्याज भी वसूल किया जाएगा। प्रशासन की कार्रवाई के बाद या तो बिल्डर रुपये चुका देंगे या उनकी संपत्ति कुर्क कर दी जाएगी। ऐसे ही एक मामले में प्रशासन सहस्रधारा रोड पर ही सिक्का बिल्डर की निर्माणाधीन परियोजना की कुर्की कर चुका है। रेरा प्रशासन के अनुसार नाफरमानी करने वाले कई और बिल्डरों के खिलाफ जल्द आरसी काटने की कार्रवाई की जाएगी।

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2014 में बुकिंग, फ्लैट मिला न रुपये

डांडा लाखौंड निवासी संतन सिंह ने रेसीजोन बिल्डवेल की रेसीजोन रेजीडेंसी परियोजना में अप्रैल 2014 में फ्लैट बुक कराया था। सितंबर 2014 तक उन्होंने इसके लिए 26 लाख 98 हजार 381 रुपये जमा करा दिए। इसके बाद भी फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला और राशि भी नहीं लौटाई गई। रेरा में पहुंचे इस मामले में रेरा सदस्य मनोज कुमार ने निवेशक की राशि 10.25 फीसद ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए। ब्याज सहित यह राशि छह फरवरी तक 42 लाख 973 रुपये बैठ रही है। वहीं, बिल्डर पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। आदेश का अनुपालन न होने बिल्डर की राशि काटने के आदेश जारी कर दिए गए।

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2014 से 2017 तक पाई-पाई चुकाई, फिर भी खाली हाथ

इसी बिल्डर की परियोजना में ओल्ड डालनवाला निवासी संदीप गुसाईं ने 28 अक्टूबर 2014 को फ्लैट बुक कराया था। उन्होंने जून 2017 तक बिल्डर को 19 लाख 41 हजार पांच रुपये जमा कराए। संदीप को भी बिल्डर से मायूसी मिली और उन्हें अपनी राशि की वसूली के लिए रेरा में दस्तक देनी पड़ी। यहां भी रेरा सदस्य मनोज कुमार ने बिल्डर को 10.25 फीसद ब्याज के साथ रकम लौटाने के आदेश दिए। छह फरवरी तक यह राशि 26 लाख 88 हजार 937 रुपये हो गई। हालांकि, बिल्डर ने इस आदेश का भी पालन नहीं किया। इसी क्रम में अब रेरा सचिव सुनील श्री पांथरी ने जिलाधिकारी को बिल्डर की आरसी जारी कर वसूली करने को कहा है।

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