देहरादून में पर्यटकों की कार खाई में गिरी, पांच लोगों की मौत
चकराता घूमने जा रहे पर्यटकों की कार कालसी से पांच किमी आगे चामड़खील नामक जगह पर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिले से घूमने आए पांच दोस्तों की सड़क हादसे में मौत हो गई। वह मसूरी घूमने के बाद चकराता जा रहे थे। उनकी कार तीन सौ मीटर गहरी खाई में गिर गई। घटना का रविवार सुबह पता चला। हरियाणा नंबर की कार में सवार पांचों दोस्त निजी बैंकों में कायर्रत थे। डीएम सी रविशंकर ने हादसे के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। शव खाई से निकालते वक्त पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर रेस्क्यू टीम का एक सदस्य घायल हो गया।
हादसा देहरादून के सुदूरवर्ती क्षेत्र कालसी से पांच किलोमीटर दूर साहिया-चकराता मार्ग पर चामडख़ील के पास हुआ। रात किसी वक्त कार अनियंत्रत होकर खाई में जा समाई। उसमें सवार पांचों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। रविवार सुबह चारापत्ती लेने जा रहे स्थानीय लोगों को सड़क किनारे खाई की तरफ गाड़ी की रगड़ नजर आने पर दुर्घटना का अंदेशा हुआ। खाई में गाड़ी नजर आने पर उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी।
राज्य आपदा प्रतिवादन दल (एसडीआरएफ) और पुलिस ने टीम ने घटनास्थल पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से शव खाई से बाहर निकाले। मृतकों की पहचान विरेंद्र वालिया (35) पुत्र रामकृष्ण निवासी अमरदीप कालोनी सहारनपुर उप्र, दीपक तोमर (34) पुत्र कालूराम निवासी नानकपुरम थाना जनकपुरी सहारनपुर उप्र, गौरव त्यागी (34) पुत्र जगपाल त्यागी निवासी गोङ्क्षवद नगर थाना जनकपुरी सहारनपुर उप्र, शक्ति उर्फ बिट्टू (31) पुत्र रामपाल निवासी दिलेडा सोंठा थाना मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उप्र व सचिन कुमार (30) पुत्र राकेशपाल निवासी बसेडा मुजफ्फरनगर उप्र के रूप में हुई है।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि विरेंद्र एचडीएफएसी बैंक देहरादून, दीपक तोमर इसी बैंक में सहारनपुर में और गौरव सहारनपुर में शिवालिक बैंक में कार्यरत था। परिजनों के मुताबिक पांचों दोस्त दो दिन पहले मसूरी घूमने की बात कहकर निकले थे। शुक्रवार शाम तक उनकी परिजनों से फोन पर बात होती रही, लेकिन शनिवार सुबह से पांचों के मोबाइल स्विच ऑफ मिल रहे थे।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि हादसा शुक्रवार देर रात को हुआ। सुनसान इलाका होने की वजह से किसी को पता नहीं चल पाया। कालसी के प्रभारी तहसीलदार केडी जोशी, सीओ विकासनगर बीएस धोनी व थानाध्यक्ष कालसी विपिन बहुगुणा रेस्क्यू पूरा होने तक वहीं मौजूद रहे।
छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाले शव
कालसी-चकराता मार्ग पर चामडख़ील के पास हुई कार दुर्घटना में मृतकों के शव एसडीआरएफ व पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खाई से सड़क तक पहुंचाए। हालांकि हादसे का दिन अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, लेकिन मौके पर जो स्थिति दिखाई दे रही है। उससे घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। रविवार को घटना का पता तब चला जब स्थानीय लोग चारा पत्ती के लिए वहां से गुजरे।
दरअसल जिस जगह हादसा हुआ, वह सुनसान है। इन दिनों बरसात के कारण खाई में झाड़ियां हैं। सड़क से भी खाई की तरफ देखने पर कुछ स्पष्ट नहीं दिखाई देता है। यदि रविवार को स्थानीय लोग चारापत्ती के लिए वहां न जाते तो घटना का पता भी नहीं लग पाता। घटनास्थल पर पहुंचे तहसीलदार केडी जोशी व थानाध्यक्ष विपिन बहुगुणा के नेतृत्व में एसडीआरएफ व पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से विकट खाई से छह घंटे की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला। तहसीलदार केडी जोशी के अनुसार घटनास्थल को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कार बीते शुक्रवार देर रात को खाई में गिरी है। कार रपटने से टूटी घास-पत्तियां भी सूख गई हैं।
मौके पर नहीं पहुंची एसडीएम
कालसी तहसील मुख्यालय से महज पांच किमी की दूरी पर चामडख़ील में पर्यटकों की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। सूचना मिलने के बाद भी एसडीएम अपूर्वा ङ्क्षसह घटनास्थल पर नहीं पहुंची। एसडीएम ने तहसीलदार को मौके पर भेजा। जिससे स्थानीय लोगों में भी गुस्सा देखने को मिला। लोगों ने कहा कि इससे प्रशासन की संवेदनशीलता का पता चलता है। लोगों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी सी रविशंकर से की। इस दौरान मौके पर विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान आदि भी पहुंचे।
पीएम के बाद शव परिजनों के सौंपे
थानाध्यक्ष कालसी विपिन बहुगुणा ने बताया कि कार हादसे में मृतक पांचों लोगों का सीएचसी विकासनगर में पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद विरेंद्र वालिया, दीपक तोमर व गौरव त्यागी तीनों निवासीगण सहारनपुर के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। जबकि शक्ति उर्फ बिट्टू व सचिन कुमार दोनों निवासीगण मुजफ्फरनगर के शवों को मोर्चरी में रखवाया गया है। पुलिस इनके परिजनों के आने का इंतजार कर रही है। शक्ति व सचिन आरबीएल बैंक ट्रांसपोर्टनगर देहरादून में कार्यरत थे और मोहब्बेवाला में रहते थे।
पैराफिट होता तो बच जाती पर्यटकों की जान
जौनसार-बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मार्ग पर चामडख़ील के पास पर्यटकों की कार दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे बड़ा कारण सड़क किनारे पैराफिट व क्रैशबेरियर का न होना बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार अगर पैराफिट व क्रैशबेरियर बने होते तो शायद पर्यटकों की जान बच सकती थी।
लोनिवि साहिया खंड पिछले चार साल से साठ करोड़ रुपये की लागत से कालसी-चकराता मोटर मार्ग का सुधारीकरण कार्य करा रहा है, लेकिन मार्ग पर कई स्थानों पर पैराफिट व क्रैश बेरियर नहीं लगाए गए हैं। डेंजर प्वाइंट होने के बावजूद इन जगहों पर पैराफिट नहीं लगाए जा रहे हैं। जिससे लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। हर बार सड़क हादसों में सड़क किनारे सुरक्षा को लगाए जाने वाले क्रैश बेरियर व पैराफिट न होने की बात सामने आती है। लेकिन न तो स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही लोनिवि के अधिकारी इसके प्रति सजग हैं।
कालसी ब्लॉक प्रमुख अर्जुन सिंह चौहान का कहना है कि जिस जगह पर कार गिरी, उसके आगे व पीछे पैरापिट बने हुए हैं। लेकिन जहां कार गिरी वहां पर पैरापिट नहीं था। अगर वहां सुरक्षा के इंतजाम होते तो पांचों लोगों की जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि खाई की तरफ कई स्थानों को खाली छोड़ देना कहीं न कहीं विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।
हमेशा के लिए बुझ गए घर के इकलौते चिराग
कालसी के चामड़खील कार हादसे ने दो परिवारों को कभी न भरने वाले घाव दे दिए। परिजनों ने जब सुना कि हादसे में उनके लाल मौत के मुंह में समा गए तो उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। पुलिस ने भी परिजनों को कार हादसे की सूचना दी, लेकिन मरने की बात एकदम से नहीं बताई, जिससे परिजनों को अचानक आघात न लगे।
उत्तर-प्रदेश के गोविंदनगर सहारनपुर निवासी जगपाल त्यागी का इकलौता पुत्र हमेशा के लिए दुनिया से चला गया। घर के चिराग की मौत की खबर सुनकर परिजन बेसुध हो गए। बूढ़े पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रविवार को घटना की सूचना से विकासनगर के मोर्चरी में पहुंचे गमगीन बूढ़े पिता जगपाल त्यागी ने कहा उसका बेटा गौरव त्यागी शिवालिक बैंक सहारनपुर में कार्यरत था। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी और एक साल की बच्ची भी है। कहा कि दो दिन पहले गौरव ने फोन पर दोस्तों के साथ मसूरी घूमने जाने की बात कही थी। शुक्रवार शाम को आखिरी बार बेटे से फोन पर बात हुई थी। शनिवार सुबह से बेटे का फोन बंद आ रहा था। रविवार को पुलिस-प्रशासन से घटना का पता चला। हादसे में इकलौते पुत्र की मौत से गमगीन परिजन सदमे में हैं। वहीं दीपक तोमर भी इकलौता था। कुछ वर्ष पहले दीपक के छोटे भाई की मौत हो गयी थी, अब दीपक हादसे का शिकार हो गया। इकलौते लाल गंवाने वाले परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। गांवों में मातम की स्थिति है।
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