दूरस्थ प्राकृतिक आपदा में भी ड्रोन देगा साफ तस्वीर, जानिए Dehradun News
उत्तराखंड में संभावित आपदा के दौरान एक घंटे के भीतर सबसे हल्का और आकार में छोटा ड्रोन साफ तस्वीर उपलब्ध कराएगा।
देहरादून, जेएनएन। प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में संभावित आपदा के दौरान एक घंटे के भीतर सबसे हल्का और आकार में छोटा ड्रोन साफ तस्वीर उपलब्ध कराएगा। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद कई दिनों तक आसपास के जंगलों में जान बचाने के लिए भटकते श्रद्धालुओं के कंकाल बरामद हुए थे, अगर ऐसे समय ड्रोन तकनीक का उपयोग होता तो कई श्रद्धालुओं की सही जानकारी आसपास के राहत शिविरों को मिल सकती थी और श्रद्धालुओं की जान बचाई जा सकती थी।
ग्राफिक एरा विवि से इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर चुके तीन इंजीनियङ्क्षरग के छात्र मानस उपाध्याय, अनिनाश चंद्रापाल और दिव्यांश कुमार ने ग्राफिक एरा डिम्ड टू बी विवि द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'एरो फेस्ट-2के19' में खुद तैयार किए गए ढाई सौ ग्राम भार वर्ग के ड्रोन का प्रदर्शन किया। ग्राफिक एरा विवि के सहयोग से कैंपस में ही ड्रोन तकनीक के विकास में जुटे तीन होनहार छात्रों ने बताया कि उनकी कंपनी 'डी-टाउन रोबोटिक्स' ने मात्र ढाई सौ ग्राम वजनी एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो भारी बारिश और घने बादलों के साथ ही कोहरे से घिरे मौसम में भी सफलता से 15 किलोमीटर दूर प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्र में उड़ सकते हैं और हाई रेज्योल्यूशन की तस्वीर और करीब एक घंटे की वीडियो फुटेज तैयार कर ला सकते हैं।
यह ड्रोन तकनीक बड़ी से बड़ी त्रासदी में भी उपयोगी साबित होगी, क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों से तत्काल सूचना मिलना संभव नहीं होता है। ऐसे में ड्रोन समूचे क्षेत्र की तस्वीर चंद मिनटों में अपने केंद्र तक लेकर आ सकता है।
बीएसएफ और आइटीबीपी को भी सहयोग
'डी-टाउन रोबोटिक्स' कंपनी से जुड़े मानस उपाध्याय ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान उन्होंने बीएसएफ और आइटीबीपी को भी ड्रोन तकनीक की जानकारी दी। कहा कि भविष्य में ड्रोन उड़ाने के बारे में भी सेना का सहयोग किया जाएगा। इस बारे में सेना के साथ बातचीत चल रही है। डी-टाउन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक अनिवाश चंद्र पाल ने बताया कि भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के साथ भी ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।
प्रोफेशनल फ्लायर्स ने दिखाए करतब
ग्राफिक एरा विवि में आयोजित दो दिवसीय प्रोफेशनल ड्रोन फ्लायर्स की प्रतियोगिता में आखिरी दिन प्रोफेशनल फ्लायर्स ने मुकाबलों को रोमांचक बनाया। प्रतियोगिता में मुंबई, केरल, चेन्नई, राजस्थान और पूना से आए पेशेवर ड्रोन फ्लायर्स के साथ-साथ ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने खुद के बनाए ड्रोन के करतबों से उपस्थित लोगों को रोमांचित किया। इस दौरान प्रतिभागी फ्लायर्स देवनाथ, सिद्धार्थ नायर, जयध्वज, उज्जवल कुमार आदि ने प्रतियोगिता में भाग लिया। देर रात प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में तीन टीमें पहुंची, जिसमें ओरोबोरोस पुने ने प्रथम, देवनाथ जयपुर ने दूसरा व फ्लाइंग सिड मुंबई ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया।
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