देहरादून में 19 हजार निरक्षर, 26 जनवरी तक होंगे साक्षर; जानिए कैसे
देहरादून जिले में अब भी 19 हजार 122 प्रौढ़ व्यक्ति निरक्षर श्रेणी में शामिल हैं। अच्छी बात यह है कि जिला प्रशासन ने सभी निरक्षरों को 26 जनवरी तक साक्षर बनाने का निर्णय लिया है।
देहरादून, जेएनएन। साक्षर समाज ही विकास की असली कुंजी है। इस लिहाजा से देखें तो देहरादून जिले में अब भी 19 हजार 122 प्रौढ़ व्यक्ति निरक्षर श्रेणी में शामिल हैं। अच्छी बात यह है कि जिला प्रशासन ने सभी निरक्षरों को 26 जनवरी तक साक्षर बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने शनिवार को 'पढ़ो दून-बढ़ो दून, संपूर्ण साक्षर देहरादून मेरी जिम्मेदारी' के तहत एक पोर्टल भी लॉन्च किया।
पोर्टल को लॉन्च करते हुए जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि चार सितंबर तक देहरादून में निरक्षर व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है। अब मिशन मोड में इन्हें साक्षर बनाने के लिए इस पोर्टल से शिक्षा विभाग के साथ-साथ छात्र स्वयंसेवक, सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों को ग्रहणियों को जोड़ा जाएगा। कोई भी इच्छुक व्यक्ति देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर दिए गए लिंक से पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति क्षेत्रवार पांच निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने का काम करेंगे। साक्षरता पाठ्यक्रम तीन माह की अवधि का होगा और इसके लिए शिक्षा विभाग का पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम ही मान्य होगा। साक्षरता का यह कार्यक्रम बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जा रहा है। पोर्टल की लॉन्चिंग के अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली, जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिषेक मिश्रा, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक यशवंत सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
जिले में निरक्षर व्यक्तियों की तस्वीर
ब्लॉक, संख्या
सहसपुर, 5031
विकासनगर, 3840
देहरादून, 3457
रायपुर, 3402
डोईवाला, 1867
कालसी, 937
चकराता, 588
उत्तराखंड में चालू सत्र में छात्र-छात्राओं को मिलेंगी मुफ्त किताबें
उत्तराखंड में चालू शैक्षिक सत्र में कोविड-19 की वजह से कक्षा एक से 12वीं तक पात्र छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें मुहैया कराई जाएंगी। पाठ्यपुस्तकों की छपाई में प्रोक्योमेंट नियमावली का पालन किया अनिवार्य रूप से होगा। अगले शैक्षिक सत्र के लिए यह फैसला लागू नहीं किया जाएगा। भविष्य में विभाग के सर्वे के आधार पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।