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उत्तराखंड में चालू सत्र में छात्र-छात्राओं को मिलेंगी मुफ्त किताबें, आगे भी जारी रखी जा सकती है व्यवस्था

उत्तराखंड में कोविड-19 की वजह से कक्षा एक से 12वीं तक पात्र छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें मुहैया कराई जाएंगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 06:15 AM (IST)
उत्तराखंड में चालू सत्र में छात्र-छात्राओं को मिलेंगी मुफ्त किताबें, आगे भी जारी रखी जा सकती है व्यवस्था
उत्तराखंड में चालू सत्र में छात्र-छात्राओं को मिलेंगी मुफ्त किताबें, आगे भी जारी रखी जा सकती है व्यवस्था

देहरादून, राज्य ब्यूरो। चालू शैक्षिक सत्र में कोविड-19 की वजह से कक्षा एक से 12वीं तक पात्र छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें मुहैया कराई जाएंगी। पाठ्यपुस्तकों की छपाई में प्रोक्योमेंट नियमावली का पालन किया अनिवार्य रूप से होगा। अगले शैक्षिक सत्र के लिए यह फैसला लागू नहीं किया जाएगा। भविष्य में विभाग के सर्वे के आधार पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। 

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सरकार ने कोविड-19 की परिस्थितियों के मद्देनजर चालू शैक्षिक सत्र में मुफ्त पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से छात्रों के खातों में पैसा देने की व्यवस्था को बदला है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश पर शिक्षा महकमे ने उक्त प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में रखा था। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी किया।

आदेश में कहा गया कि सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों और मान्यता प्राप्त मदरसों में कक्षा एक से आठवीं तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें दी जाती है। इसके अतिरिक्त कक्षा नौ से 12वीं तक अध्ययनरत अनसूचित जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें दी जाती हैं।

कुलसचिव पद पर वापसी करेंगी डॉ. अनीता रावत!

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट लागू हुआ तो तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद पर डॉ अनीता रावत की वापसी हो सकती है। 

हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पदभार डॉ अनीता रावत से हटा दिया। सरकार ने उन्हें पद से तो हटाया, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय में बनाए रखा है। डॉ अनीता रावत का मूल विभाग उच्च शिक्षा है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद का प्रभार तकनीकी शिक्षा निदेशक हरि सिंह को सौंपा गया है। 

तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से डॉ अनीता रावत के हटने का कारण बीटेक की डिग्री रही है। विश्वविद्यालय के एक्ट में कुलसचिव पद के लिए शैक्षिक योग्यता में बीटेक डिग्री को शामिल किया गया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को एक ही एक्ट के अधीन लाया जा रहा है। इस संबंध में अंब्रेला एक्ट को कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। 

अब विधानसभा सत्र के मद्देनजर सरकार इसके लिए विधेयक लाने की तैयारी में है। आगामी कैबिनेट में इसका मसौदा पेश किया जा सकता है। नया एक्ट लागू होने के बाद सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव की नियुक्ति के लिए समान प्रविधान लागू होंगे। माना जा रहा है कि नया अंब्रेला एक्ट प्रभावी होने के बाद डॉ अनीता रावत की कुलसचिव पद पर वापसी हो सकती है। डॉ अनीता रावत की उक्त पद पर तैनाती मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर हुई है। मुख्यमंत्री के पास ही तकनीकी शिक्षा का प्रभार भी है।

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