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उत्तराखंड की बेटियों का भविष्य संवारेगी नंदा-गौरा

उत्‍तराखंड की बेटियों का भविष्य संवारने के लिए बाल विकास विभाग नंदा-गौरा योजना शुरू करने जा रहा है। विभाग एक माह के भीतर नंदा-गौरा योजना के लिए आवेदन शुरू करने की तैयारी में है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 03:25 PM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 10:33 PM (IST)
उत्तराखंड की बेटियों का भविष्य संवारेगी नंदा-गौरा
उत्तराखंड की बेटियों का भविष्य संवारेगी नंदा-गौरा

देहरादून,[जेएनएन]: बाल विकास विभाग प्रदेश की बेटियों का भविष्य संवारने के लिए नंदा-गौरा योजना शुरू करने जा रहा है। योजना के तहत बीपीएल वर्ग के तहत घर में बेटी के जन्म लेने से लेकर बेटी की शिक्षा, विवाह तक में राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। विभाग एक माह के भीतर नंदा-गौरा योजना के लिए आवेदन शुरू करने की तैयारी में है।

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अभी तक गौरा देवी योजना समाज कल्याण विभाग के पास थी। इसमें बेटियों की 10वीं, 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण करने पर आर्थिक सहायता राशि दी जाती थी। जबकि, बाल विकास के पास नंदा देवी योजना ही थी। वर्ष 2017 में बेटियों के भविष्य से जुड़ी इन दोनों योजनाओं का समायोजन कर दिया गया और इसे नंदा-गौरा योजना का नाम दिया गया।

इस योजना की जिम्मेदारी बाल एवं महिला विकास विभाग को पूरी तरह सौंप दी गई। विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एसपी सिंह ने कहा कि सभी जनपदों में नंदा-गौरा योजना एक माह की भीतर शुरू होने की उम्मीद है। बताया कि दोनों योजना के समायोजन होने के बाद इस योजना का लाभ एक जुलाई 2017 के बाद जन्म लेने वाली बेटियों को ही मिल सकेगा। इसलिए अभी बेटी के जन्म लेने वाले लाभार्थी ही लाभ ले सकेंगे।

यह है लाभार्थी श्रेणी

वर्ग-------------------------------आर्थिक सहायता

बेटी के जन्म पर---------------------5000

एक वर्ष पूर्ण होने पर----------------5000

कक्षा आठ उत्तीर्ण--------------------5000

कक्षा 10 उत्तीर्ण----------------------5000

कक्षा 12 उत्तीर्ण----------------------5000

डिप्लोमा/स्नातक उत्तीर्ण------------10000

विवाह के समय-----------------------16000

कुल आर्थिक सहायता-----------------51000

यह हैं पात्रता

-बीपीएल कार्ड, मूल निवास प्रमाण-पत्र।

-बेटी का जन्म एक जुलाई 2017 के बाद हो।

-सरकारी अस्पताल/मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र/प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा जन्म।

-आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकरण, सभी टीकाकरण के कार्ड बने हों।

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