Move to Jagran APP

80 फीसद स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा ताक पर

उत्‍तराखंड में स्कूली वाहन न सिर्फ बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 04:29 PM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 10:50 PM (IST)
80 फीसद स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा ताक पर

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में 80 फीसद निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है। ये स्कूली वाहन न सिर्फ बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन कर रहे हैं। बाल आयोग की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राज्य बाल आयोग को प्रदेश में निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा संबंधी 51 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी।

इस पर आयोग के सदस्यों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के 20 स्कूलों में सर्वे किया, जिसमें लगभग सभी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी स्कूल बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। यह बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने मुख्य सचिव को प्रदेश के स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए हैं। 

 ये मिलीं खामियां 

-वाहन चालक और कंडक्टर का पुलिस में सत्यापन नहीं

-स्कूली वाहनों में स्कूल संबंधी कोई पहचान नहीं

-चालक का नाम, मोबाइल नंबर समेत अन्य हेल्पलाइन नंबर अंकित नहीं

-फर्स्‍ट-एड बॉक्स और अग्निशमन उपकरण नहीं

-जीपीएस और सीसीटीवी नहीं

-बस कंडक्टर के पास वैध लाइसेंस नहीं मिले 

-बसों में लेडी कंडक्टर या गार्ड की व्यवस्था नहीं

यह भी पढ़ें: केदारनाथ आपदा पीड़ि‍तों का 58.25 लाख मुआवजा बाकी

यह भी पढ़ें: सुभारती मेडिकल कॉलेज को हार्इकोर्ट का आदेश, कक्षाएं हों शुरू


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.