अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी सम्मेलन में अंतिम दिन रखे गए 13 शोध पत्र
यूपीईएस में आयोजित पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे और अंतिम दिन 13 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। विशेषज्ञों ने कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी को भावी पीढ़ी के लिए उपयोगी करार दिया।
देहरादून, जेएनएन। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में आयोजित पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे और अंतिम दिन 13 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। विशेषज्ञों ने कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी को भावी पीढ़ी के लिए उपयोगी करार दिया।
'नेक्स्ट जेनरेशन कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी' विषय पर आयोजित सम्मेलन में शनिवार को आइआइटी पटना की प्रोफेसर डॉ. सुदन माझी ने मशीन लर्निंग एप्रोच पर विस्तार से जानकारी दी। सम्मेलन का आयोजन कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी सोसाइटी देहरादून और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ने संयुक्त रूप से किया था।
एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान टनकपुर के निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि यह सम्मेलन प्रतिभागियों के ज्ञान का स्तर बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। दो दिन तक तकनीकी शिक्षा में हो रहे आधुनिक परिवर्तन और नई तकनीक के बारे में विशेषज्ञों ने जो जानकारी दी, वह शोध की दिशा में महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों, शोधार्थियों, सहकर्मियों व विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।
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डॉ. अमित ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धि ने तकनीकी शिक्षा को उद्योगों के अनुरूप बनाने की जो सीख दी है, उसे उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू किया गया है। इसके भविष्य में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे।
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