लंबी रेस में 'फर्स्ट' पहाड़ी मानुष
जागरण संवाददाता, देहरादून: रियो ओलंपिक का टिकट कटवा चुके चमोली के मनीष रावत हों या विश्व एथलेटिक्स च
जागरण संवाददाता, देहरादून: रियो ओलंपिक का टिकट कटवा चुके चमोली के मनीष रावत हों या विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शिरकत करने वाले पिथौरागढ़ के चंदन सिंह और राष्ट्रीय खेल 2015 के चैंपियन नैनीताल के रविंद्र रौतेला। इन सभी एथलीटों में समानता यह है कि ये लंबी दूरी की दौड़ लगाते हैं और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से आते हैं।
कुछ खेलों में भले उत्तराखंड पहचान बनाने को अब भी जूझ रहा हो, लेकिन लंबी दूरी के धावकों के मामले में उत्तराखंड पावर हाउस बनकर उभरा है। आज सीनियर व जूनियर स्तर पर चमक बिखेर रहे देश के आधा दर्जन से अधिक लंबी दूरी के चैंपियन धावक उत्तराखंड से हैं। वर्तमान में चमोली के मनीष रावत भारतीय एथलेटिक्स टीम का हिस्सा हैं और 2000 मीटर की दौड़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। चंदन सिंह नेगी ने हाल ही में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 20 किलोमीटर वाक स्पर्धा में शिरकत की है। एशियन चैंपियनशिप में गुरमीत सिंह 2000 मीटर दौड़, मुकेश रावत 1500, पंकज डिमरी 3000 मीटर स्पर्धा में शिरकत कर चुके हैं।
पहाड़ बनाते हैं मजबूत
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एथलेटिक्स कोच राजीव मलिक बताते हैं कि उत्तराखंड की जलवायु लंबी दूरी के धावकों के लिए मुफीद है। पहाड़ में रहने वालों के फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन लेते हैं। इस कारण उनका शरीर लंबी दूरी की दौड़ के लिए आदर्श होता है। पहाड़ के कठिन हालात में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों का स्टेमिना भी अधिक होता है। यही कारण है कि लंबी दूरी की दौड़ में उत्तराखंड का हमेशा से दबदबा रहा है।
इतिहास भी स्वर्णिम
सुरेंद्र सिंह भंडारी, विनोद पोखरियाल, हरीश तिवारी, यशवंत रावत, प्रीतम बिंद, चंदन नेगी। ये सूबे के वो पूर्व एथलीट हैं, जो लंबी दूरी की दौड़ में नेशनल चैंपियन रहे। गैरसैंण एक्सप्रेस नाम से मशहूर सुरेंद्र सिंह भंडारी वर्तमान में भारतीय एथलेटिक्स टीम के कोच हैं। यशवंत पोखरियाल पूर्व मैराथन धावक हैं और वर्तमान में उत्तर रेलवे में नौकरी कर रहे हैं।
जूनियर स्तर पर भी जलवा
दौड़ का दम दिखाने में सूबे के जूनियर एथलीट भी सीनियर्स से पीछे नहीं हैं। स्पोर्ट्स कॉलेज के पवन कुमार हाल ही में जूनियर वर्ल्ड स्कूल एथलेटिक्स की 800 मीटर दौड़ में आठवें स्थान पर रहे। जबकि, मिडिल रीले में उन्होंने चौथा स्थान प्राप्त किया। भगवान सिंह 5000 मीटर, अंकित चंद 3000 मीटर, हरीश कोरंग 1500 मीटर, गौरव कुमार 1000 मीटर दौड़ की स्पर्धाओं में अपना दम दिखा चुके हैं।
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एथलेटिक्स में उत्तराखंड के खिलाड़ी अच्छी तरक्की कर रहे हैं। लंबी दूरी की दौड़ सूबे के खिलाड़ियों के बॉडी स्ट्रक्चर को सपोर्ट करती है। जूनियर स्तर पर भी उत्तराखंड के खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
-गुरफूल सिंह, चीफ कोच, उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन