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उत्तराखंड में थमे 108 के पहिए, मरीजों और गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ रही परेशानी

उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस के फील्ड कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। इससे मरीजों को कर्इ तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 08:23 PM (IST)
उत्तराखंड में थमे 108 के पहिए, मरीजों और गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ रही परेशानी

देहरादून, जेएनएन। आपातकालीन एंबुलेंस सेवा और खुशियों की सवारी में तैनात प्रदेशभर के फील्ड कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। वहीं, 108 का संचालन करने वाली कंपनी ने हड़ताल पर सख्ती बरतते हुए ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया है साथ ही बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। बहरहाल, 108 का संचालन ठप होने से मरीजों और गर्भवतियों को कर्इ तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

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उत्तराखंड में एकबार फिर से 108 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं। 139 एंबुलेंस और 95 खुशियों की सवारी वाहनों पर 717 कर्मचारी तैनात हैं। जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है। उनके हड़ताल पर जाने से मरीजों और आम जन को कर्इ तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिनभर एंबुलेंस अस्पतालों में ही खड़ी रही। लोग निजी वाहनों से मरीजों और घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे। ये हालात प्रदेश के तमाम जिलों में बने रहे।  

फील्ड कर्मियों की हड़ताल के कारण प्रदेशभर में सिर्फ 22 एंबुलेंस ही संचालित की जा सकी। जबकि खुशियों की सवारी के मात्र 13 वाहन ही संचालित हो पाए हैं। हालांकि कर्मियों की हड़ताल के बाद 108 का संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआइ ने कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही काम पर न लौटने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। हड़ताल के इस बीच कंपनी ने पायलट (ड्राइवर) समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति भी जारी कर दी है। 

वैकल्पिक व्यवस्था पर मंथन 

कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर कंपनी के स्टेट हेड मनीष टिंकू ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीके पंत और मिशन निदेशक एनएचएम युगल किशोर पंत से मुलाकात की। इस दौरान वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को लेकर मंथन किया गया। इसके साथ ही समस्त जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को तत्काल चालक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। 

यूपी और हिमाचल से मांगी मदद 

आपको बता दें कि संविदा चालकों की मदद से वाहनों का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा यूपी और हिमाचल में संचालित 108 सेवा से भी मदद मांगी गर्इ है। वहां से भी कर्मचारी लिए जाएंगे। कंपनी ने दावा किया है कि गुरुवार तक ज्यादातर गाड़ियां चलने लगेंगी। 

वहीं, हड़ताली कर्मचारियों ने दावा किया है कि उन्हें राष्ट्रीय इकाई का समर्थन मिल गया है। ऐसे में यूपी और हिमाचल का कोई भी कर्मचारी उत्तराखंड में ड्यूटी नहीं करेगा।

दरअसल, 108 सेवा और केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ ने अक्तूबर और नवंबर माह का वेतन और छह माह से भत्ते समेत अन्य मांगों को लेकर दो जनवरी से प्रदेशभर में हड़ताल की चेतावनी दी थी। बीते सोमवार कंपनी ने दोनों माह का वेतन और विभिन्न भत्तों के भुगतान कर दिया था। 

कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें दो माह का वेतन तो मिल गया, लेकिन भत्ते अभी तक नहीं मिले। प्रदेश अध्यक्ष नीरज कुमार शर्मा और प्रदेश सचिव विपिन चंद्र जमलोकी का कहना है पूर्व में कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन किया था। कंपनी को इसकी पूर्व में सूचना भी दी गई थी। लेकिन कर्मचारियों का वेतन काट लिया गया। वहीं, अभी अन्य कई मांग भी पूरी नहीं हुई हैं। 

उन्होंने कहा कि कर्मचारी अवकाश के दिन ड्यूटी करता है तो श्रम कानून के तहत उसे ओवरटाइम का दोगुना भुगतान किया जाए। हर माह पांच तारीख तक वेतन व बिलों का भुगतान, मूल वेतन का निर्धारण श्रम कानून के तहत करने, किसी भी कर्मचारी का अनावश्यक स्थानांतरण न करने, अगस्त माह में काटे गए दो दिन के वेतन का अविलम्ब भुगतान और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी के गठन की मांग भी उन्होंने की। 

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