Move to Jagran APP

उत्तराखंड के सवा लाख अधिकारी और कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, लोग परेशान

उत्तराखंड के करीब सवा लाख अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे आम लोगों को कर्इ तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 02:27 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 08:28 PM (IST)
उत्तराखंड के सवा लाख अधिकारी और कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, लोग परेशान
उत्तराखंड के सवा लाख अधिकारी और कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, लोग परेशान

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच से जुड़े गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के करीब सवा लाख कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से कार्यबहिष्कार किया है। हड़ताल के चलते विभागों में कोई भी काम नहीं हो रहा है। जिससे आम लोग बेहद परेशान हैं। वहीं, हड़ताली कर्मचारी अपने-अपने जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजने की तैयारी की जा रही है।  

loksabha election banner

अटल आयुष्मान योजना के तहत जारी यू-हेल्थ कार्ड में कर्मचारियों का पैसा काटने के बाद दून अस्पताल की शर्त का मंच विरोध कर रहा है। इस संबंध में जारी हुए शासनादेश में संशोधन की मांग समेत अन्य मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच आंदोलनरत है। 21 दिसंबर को प्रमुख सचिव चिकित्सा को मंच ने दो जनवरी को हड़ताल की चेतावनी दी थी। इसके अलावा आंदोलन की उग्र रणनीति भी तय की गई। 

चार को दून में रैली 

मंच ने धरना-प्रदर्शन के साथ ही उग्र आंदोलन की रणनीति तय कर दी है। इसके तहत 15 जनवरी से 31 जनवरी तक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान जनप्रतिनिधियों को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके बाद भी कार्रवाई न हुई तो चार फरवरी को दून में प्रदेश स्तरीय रैली आयोजित होगी। रैली के बाद आंदोलन की अगली रणनीति बनेगी। 

ये है मंच की प्रमुख मांगें

-अटल आयुष्मान योजना के शासनादेश को संशोधित किया जाए। 

-केंद्र के समान समस्त कार्मिकों को भत्ते दिए जाएं। 

-सातवें वेतन आयोग के तहत प्रमोशन और वेतनमान की समस्या निस्तारित की जाए। 

-पुरानी पेंशन व्यवस्था को तत्काल बहाल किया जाए। 

-सेवानिवृत्ति के समय गृह जनपद में तैनाती दी जाए।

-अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की व्यवस्था यथावत रखी जाए। 

-वेतन विसंगति समिति की कर्मचारी विरोधी निर्णयों को लागू न किया जाए। 

60 विभागों में रहेगा हड़ताल का असर 

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच की हड़ताल में इंजीनियरों, परिवहन महासंघ और मिनिस्ट्रिीयल कर्मियों की संख्या ज्यादा होने से विभागों में जरूरी कामकाज ठप है। इससे आम जनता को खासी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। खासकर आरटीओ में मिनिस्टीरियल  कर्मियों की हड़ताल से आम लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।

उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच से आठ राजकीय मान्यता प्राप्त संगठन जुड़े हैं। इनमें डिप्लोमा इंजीनियरिंग महासंघ, राजकीय वाहन चालक महासंघ, मिनिस्टीरियल फेडरेशन, सिंचाई विभाग कर्मचारी संघ, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट, राजकीय वाहन चालक संघ, इंजीनियरिंग ड्रॉइंग महासंघ, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, वैयक्तिक अधिकारी महासंघ शामिल हैं। 

इन प्रमुख विभागों में काम ज्यादा रहेगा प्रभावित 

लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग में इंजीनियर, मिनिस्ट्रीयल, चालक, कृषि, एजुकेशन मिनिस्टीरियल, फार्मेसिस्ट, परिवहन, आरटीओ, फॉरेस्ट, आदि विभागों में काम ज्यादा प्रभावित हो रहा है। 

यह भी पढ़ें: पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: बैंकों की हड़ताल से बढ़ी लोगों की मुसीबतें, इतने का कारोबार हुआ प्रभावित

यह भी पढ़ें: निजी चिकित्सकों ने स्थगित की हड़ताल, सीएम के आश्वासन पर जताया भरोसा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.