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मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने पर झूमे हिंदूवादी संगठन

मा पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाए जाने की कवायद पर भाजपाइयों समेत हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 10:49 PM (IST)
मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने पर झूमे हिंदूवादी संगठन

संवाद सहयोगी, टनकपुर : मा पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाए जाने की कवायद पर भाजपा कार्यकर्ताओं समेत हिदूवादी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। पिछले कई वर्षो से पूर्णागिरि विकास संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ट्रस्ट की कवायद पर तुलसी राम चौराहे पर मिष्ठान वितरण कार्यक्रम चलाया। बाद में सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया। इस मौके पर नरेश सकारी, कमल पंत, भीम रजवार, गिरीश वर्मा, मुकेश साहू आदि लोग मौजूद रहे। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष दीप चन्द्र पाठक की अगुवाई में पिथौरागढ चुंगी के पास आयोजित कार्यक्त्रम में मिष्ठान वितरण किया गया व इसके लिए मुख्यमंत्री का भी आभार जताया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष पूरन महर, कमलेश पाडेय, विद्या जुकरिया, ममता गंगवार, नारायण सिंह महर, मोहन सिंह, गिरीश उप्रेती, अक्षत अग्रवाल आदि मौजूद रहे। ========== ट्रस्ट बनाने के विरोध में फिर उतरे पुजारी

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संवाद सहयोगी, टनकपुर : एक ओर जहा पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाए जाने को लेकर हिदूवादी संगठन गदगद है। वहीं मा पूर्णागिरि धाम के पुजारी सरकार के इस फैसले से खासे नाखुश हैं। इसके विरोध में मा पूर्णागिरि मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन चन्द्र पाडेय के नेतृत्व में शनिवार को धाम के पुजारियों का एक प्रतिनिधिमंडल तहसील पहुंचा। पुजारियों ने एसडीएम हिमाशु कफल्टिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा कि शासन ने पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने को लेकर प्रशासनिक कमेटी गठित कर दी गई है। धाम के तिवारी व पाडेय पुरोहितों की मा पूर्णागिरि ईष्ट देवी है। जिसको प्राचीनकाल से उनके पूर्वजों द्वारा पूजा जा रहा है। धाम के करीब 1200 परिवार गुजर-बसर कर रहे है। साथ ही पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं को मेले में विशेष सुविधाए मुहैया कराई जाती है। उन्होंने ट्रस्ट बनाए जाने की प्रक्रिया को शीघ्र रोकने की माग उठाई है। ऐसा न होने पर पुजारियों ने उग्र आदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में समिति के पूर्व अध्यक्ष किशन तिवारी, रवि शकर पाडेय, पूरन पाडेय, नवीन पाडेय, राजेन्द्र तिवारी, महेश पाडेय, हरीश पाडेय, घनश्याम तिवारी, सुरेश तिवारी, मोहन पाडेय, कमलापति तिवारी आदि मौजूद रहे।


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