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बदरीनाथ धाम की तेल कलश यात्रा का कार्यक्रम बदला

कोरोना महामारी के मद्देनजर भगवान बदरी नारायण की पूजा-अर्चना को जाने वाले गाडू घड़ा (तेल कलश) के यात्रा कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 09:11 AM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 09:11 AM (IST)
बदरीनाथ धाम की तेल कलश यात्रा का कार्यक्रम बदला
बदरीनाथ धाम की तेल कलश यात्रा का कार्यक्रम बदला

गोपेश्वर, जेएनएन। कोरोना महामारी के मद्देनजर भगवान बदरी नारायण की पूजा-अर्चना को जाने वाले गाडू घड़ा (तेल कलश) के यात्रा कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। अब कलश यात्रा नरेंद्रनगर (टिहरी) राजमहल से 18 अप्रैल के बजाय 24 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। यात्रा का स्वरूप भी सीमित किया जाएगा।

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भगवान बदरीनाथ की पूजा-अर्चना के लिए नरेंद्रनगर राजमहल में सुहागिनों द्वारा पिरोये गए तिलों के तेल को कलश में बदरीनाथ धाम भेजा जाता है। यह यात्रा नरेंद्रनगर से ऋषिकेश होते हुए बदरीनाथ पहुंचती है और श्रद्धालु रास्तेभर इसका स्वागत करते हैं। डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए तेल कलश यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। यात्रा में गिने-चुने लोग ही शामिल होंगे और सरकार की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जाएगा। कहा कि तेल कलश यात्रा 24 अप्रैल को ऋषिकेश और 25 अप्रैल को डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर में पहुंचेगी। 26 अप्रैल को तेल कलश डिम्मर में ही रहेगा और 27 अप्रैल को जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगा। 28 अप्रैल को रावल के सानिध्य में जोशीमठ से शुरू होने वाली शंकराचार्य की गद्दी यात्रा के साथ तेल कलश पांडुकेश्वर और 29 अप्रैल को बदीरनाथ पहुंचेगा। 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।

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जोशीमठ बुलाकर क्वारंटाइन में रखे जाएं रावल

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए जोशीमठ के ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार व हक-हकूकधारी किशोर पंवार ने बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी को 15 दिन पहले जोशीमठ बुलाने की मांग की है। कहा कि रावल केरल स्थित अपने घर से बदरीनाथ धाम आते हैं और वर्तमान में केरल कोराना महामारी की चपेट में है। ऐसे में रावल को पहले बुलाकर स्वास्थ्य परीक्षण के बाद होम क्वारंटाइन में रखा जाना चाहिए। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी और उनके दो रसोइयों को 15 दिन पहले जोशीमठ लाने के संबंध में शासन से बात हो चुकी है।

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