Uttarakhand Lockdown: भगवान नारायण को दान में मिले अन्न से लगा रहे हैं भोग
कोरोना वायरस के संक्रमण का असर सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि भगवान की सेवा पर भी पड़ा है। गरीब मजदूरों को सरकार या फिर दानी खाद्यान्न उपलब्ध कराकर मदद कर रहे हैं।
गोपेश्वर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण का असर सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि भगवान की सेवा पर भी पड़ा है। गरीब, मजदूरों को सरकार या फिर दानी खाद्यान्न उपलब्ध कराकर मदद कर रहे हैं। स्वयं भगवान नारायण भी इससे अछूते नहीं हैं। भगवान के शीतकालीन पूजा स्थल जोशीमठ व पांडुकेश्वर में प्रतिदिन बनने वाला भोग प्रसाद अब दान में मिले खाद्यान्न से बनाया जा रहा है।
27 मार्च से भगवान की भोग मंडी में खाद्यान्न समाप्त होने के बाद भगवान बदरी विशाल व नृसिंह नव दुर्गा का भोग स्थानीय लोगों की देव पुजाई समिति की ओर से दिया जा रहा था। दैनिक जागरण ने यह खबर विस्तार से प्रकाशित की थी।
प्रशासन ने भले ही भोग के लिए व्यवस्था नहीं की हो, लेकिन ऋषिकेश के एक दानदाता ने खबर पढ़कर नारायण के भोग प्रसाद के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था की है। धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि ऋषिकेश के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में 15 क्विंटल चावल, छह क्विंटल आटा, एक क्विंटल नमक सहित अन्य सामग्री मंदिर प्रबंधन को उपलब्ध कराई है।
सोमवार से इस खाद्यान्न से सुचारू रूप से यहां भोग-प्रसाद बनाकर भगवान के भोग के साथ साधु संतों को भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जोशीमठ के उपजिलाधिकारी अनिल चनियाल का कहना है कि नृसिंह मंदिर में खाद्यान्न आपूर्ति को लेकर आ रही दिक्कतों की जानकारी मिलने के बाद शासन स्तर से भी आपूर्ति के निर्देश दिए गये थे। एक दानीदाता की ओर से नाम गुप्त रखने की शर्त पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गई है। जिससे मंदिर की व्यवस्थाएं अब सुचारु रुप से संचालित की जा रही हैं।
पूरी नहीं हो पाई प्रक्रिया
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में भगवान नारायण की पूजा जोशीमठ के नृसिंह मंदिर व पांडुकेश्वर के योगध्यान मंदिर में होती है। भगवान नारायण के भोग के लिए खाद्यान्न व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की है। परंतु इन दिनों लॉक डाउन के चलते बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के देवस्थानम के अधीन होने की प्रक्रिया अभी पूर्ण नहीं हो पाई हैं।
प्रतिदिन बनती है खिचड़ी व मीठा चावल
परंपरा के अनुसार शीतकालीन पूजा स्थलों में नियमित पूजा-अर्चना के साथ ही भगवान नारायण, माता लक्ष्मी, भगवान नृसिंह को भोग लगाया जाता है। मंदिर में प्रतिदिन करीब 35 किलोग्राम चावल और डेढ़ किलो दाल से खिचड़ी व मीठा चावल बनाकर भोग तैयार किया जाता है।
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वर्तमान समय में देवस्थानम बोर्ड को इन मंदिरों की व्यवस्था सौंपी गई है। देवस्थानम ने अभी भोग प्रसाद के लिए खाद्यान्न नहीं खरीदा है। अभी तक मंदिर के वर्तमान अधिकारी के वित्तीय अधिकारों के दस्तावेजों की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में भोग प्रसाद की फिलहाल खरीद नहीं हो पाई है।
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