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हेमकुंड साहिब यात्रा: सेना ने 150 मीटर लंबा हिमखंड काट तैयार किया रास्ता

सेना के 40 जवान कड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंड पैदल मार्ग से बर्फ हटा चुके हैं और अटलाकोटी में 150 मीटर लंबे हिमखंड के बीच से चार फीट गहरा रास्ता भी तैयार कर लिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 07:13 PM (IST)
हेमकुंड साहिब यात्रा: सेना ने 150 मीटर लंबा हिमखंड काट तैयार किया रास्ता
हेमकुंड साहिब यात्रा: सेना ने 150 मीटर लंबा हिमखंड काट तैयार किया रास्ता

जोशीमठ(चमोली), जेएनएन। शीतकाल के दौरान हुई भारी बर्फबारी और मौसम की दुश्वारियां हिमालय के पांचवें धाम हेमकुंड साहिब की यात्रा तैयारियों पर भारी पड़ रही हैं। सेना की 418-इंजीनियरिंग कोर के जवानों को अटलाकोटी से ऊपर बर्फ हटाने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। बता दें कि समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट एक जून को खोले जाने हैं।

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हेमकुंड साहिब में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए सेना के जवान और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्वयं सेवक जमकर पसीना बहा रहे हैं। सेना के 40 जवान कड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंड पैदल मार्ग से बर्फ हटा चुके हैं और अटलाकोटी में 150 मीटर लंबे हिमखंड के बीच से चार फीट गहरा रास्ता भी तैयार कर लिया गया है। अब सेना पैदल मार्ग को चौड़ा करने में जुटी है। इसके अलावा जवानों ने दरबार साहिब जाने वाले दो और लंगर जाने वाले एक रास्ते को खोल दिया है। हालांकि, हेमकुंड साहिब का पवित्र सरोवर भी अभी भी बर्फ के आगोश में है। सरोवर के ऊपर आठ फीट से अधिक बर्फ जमी है। लेकिन, सेना ने श्रद्धालुओं के स्नान के लिए सुरक्षा चेन तक हिमखंड को हटा दिया है। ताकि वे आसानी से पवित्र सरोवर में स्नान कर सकें। 

प्रशासन की व्यवस्थाएं आधी-अधूरी

हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होने में अब महज चार दिन शेष हैं। परंतु, धाम के मुख्य पड़ाव घांघरिया सहित हेमकुंड में पेयजल व विद्युत समेत अन्य व्यवस्थाएं सुचारु नहीं हो पाई हैं। ऐसे में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ना तय है। 

बीमार, बूढ़े और बच्चे 10 जून तक न जाएं हेमकुंड

धाम के अभी भी बर्फ के आगोश में होने के कारण इस बार घोड़ा, डंडी, कंडी और पालकी अटलाकोटी से ऊपर नहीं जा पाएंगे। ऐसे में श्रद्धालुओं को अटलाकोटी से तीन किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल ही तय करनी पड़ेगी। यहां से ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है। इसी को देखते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने वृद्ध, बीमार और छोटे बच्चों को 10 जून तक हेमकुंड यात्रा पर न आने की सलाह दी है। कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सेवा सिंह ने कहा कि वर्तमान हालात ऐसे यात्रियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।

पंजाब के किसानों ने भेजा दो हजार क्विंटल गेहूं 

पंजाब के किसानों ने हेमकुंड साहिब में लंगर सेवा के लिए दो हजार क्विंटल गेहूं एकत्र कर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भेजा है। साथ ही जरूरत पड़ने पर और भी गेहूं भेजने का आश्वासन दिया है। बता दें कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ऋषिकेश, जोशीमठ, श्रीनगर, गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे का संचालन करती है। इन गुरुद्वारों में चौबीसों घंटे यात्रियों के लिए लंगर सेवा उपलब्ध रहती है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में है। यात्रियों की सुरक्षा औरसुविधाओं के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।

1100 क्विंटल चीनी भी पहुंची

धाम में लंगर के लिए पंजाब की राणा शुगर मिल के मालिक ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को चाय, खीर, मिठाई आदि तैयार करने के लिए 1100 क्विंटल चीनी भेंट की है। यह चीनी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पास पहुंच गई है।

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