Move to Jagran APP

चमोली में त्रिशूल पर्वत पर विदेशी ट्रैकर लापता, एवलांच आने के बाद से है गायब

चमोली में त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग को गए छह सदस्यीय दल का एक सदस्य लापता हो गया। बताया जा रहा है कि ट्रैकिंग रूट पर एवलांच आने के बाद से वह गायब है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:36 PM (IST)
चमोली में त्रिशूल पर्वत पर विदेशी ट्रैकर लापता, एवलांच आने के बाद से है गायब

गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। सीमांत जनपद चमोली में त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग को गए छह सदस्यीय दल का एक सदस्य लापता हो गया। बताया जा रहा है कि ट्रैकिंग रूट पर एवलांच आने के बाद से वह गायब है। दल के बाकी पांचों सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं। उन तक पहुंचने के लिए जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की एक टीम भेज दी है।

loksabha election banner

एक अन्य टीम देहरादून से चमोली के लिए रवाना हुई है, जो सुबह तक पहुंचेगी। अमेरिका की एक महिला के जरिए भारत को पर्वतारोही के लापता होने की सूचना मिली। महीनेभर के इस टूर का संचालन दिल्ली स्थित संस्था इंडियन माउंटेनियिरंग फाउंडेशन संचालित कर रही है। हालांकि, चमोली के पुलिस कप्तान वाईएस चौहान के अनुसार प्रशासन के पास ऐसे किसी दल के त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग के लिए जाने की अनुमति दिए जाने की सूचना नहीं है।

जिला आपदा प्रबंधक अधिकारी एनके जोशी के मुताबिक रविवार शाम दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के अधिकारियों के माध्यम से हंगरी के पर्वतारोही के त्रिशूल पर्वत पर लापता होने की सूचना मिली। बताया कि कि लापता पर्वतरोही के अमेरिकी साथी निकोल्हस ने आपातकालीन एसएमएस के जरिये अपने देश की एक महिला को इस संबंध में सूचित किया था। उक्त महिला ने दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों तक यह संदेश पहुंचाया।

सात हजार एक सौ बीस मीटर ऊंचे त्रिशूल पर्वत के आरोहण के लिए पिछले महीने यानी 13 सितंबर को यह छह सदस्यीय दल निकला था, जिसका अभियान इसी महीने की 8 तारीख को पूरा होना है। दल ने ट्रैकिंग कहां से शुरू की, इसका अभी कुछ पता नहीं चला है। चमोली जिले में इस चोटी पर जाने के लिए तीन रास्ते हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार उसके पास तीनों में से कहीं से भी दल की ट्रैकिंग दल के जाने की अनुमति की जानकारी नहीं है।

आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार लापता पर्वतारोही का नाम पीटर विटेक और उम्र करीब 37 साल बताई जा रही है। वह मूल से से हंगरी का निवासी बताया जा रहा है। उसके जिस साथी ने एसएमएस के माध्यम से एवलांच के बाद उसके लापता होने की सूचना दी वह लोकेशन माउंट त्रिशूल-टू कैंप पता चली है, जो लगभग पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दल इस ऊंचाई तक त्रिशूल पर्वत का आरोहण कर चुका है। बाकी सदस्यों के इसी स्थल के आसपास होने की अनुमान लगाया जा रहा है।

चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि एसडीआरएफ का दल एक मौके लिए रवाना कर दिया गया है। मंगलवार को आइटीबीपी का दल देहरादून से एसडीआरएफ एक और टीम रवाना की जाएगी। दल के बाकी सदस्यों के बारे मं जानकारी जुटाई जा रही है। 

केवल तीन सदस्यीय दल को अनुमति

चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के रेंजर त्रिलोक सिंह बिष्ट ने बताया कि वन विभाग से जर्मनी के तीन लोगों को 25 सितंबर को लोहाजंग से त्रिशूल पर ट्रैकिंग की अनुमति दी गई थी। इस दल के सुतोल पहुंचने की बात सामने आई है। इसके अलावा वन विभाग ने किसी अन्य दल को अनुमति नहीं दी है। 

यह भी पढ़ें: एसडीआरएफ के जवान ने रचा कीर्तिमान, खतरों से भरी इस चोटी को किया फतह; जानिए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.