पर्यटन विकास को 183 करोड़ का बजट
बजट में पर्यटन के जरिये स्वरोजगार देने वाली वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाया गया है।
गैरसैंण, चमोली [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। पर्यटन के जरिये स्वरोजगार देने वाली वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाया गया है तो पहली बार केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौटने वाले यात्रियों के डि-रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को अमल में लाया जाएगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पर्यटक स्थलों को रोप-वे से जोडऩे की कवायद भी प्रारंभ कर दी है। साथ ही सरकार ने देश-दुनिया से यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को उत्तराखंड की सभ्यता व संस्कृति से रूबरू कराने का निश्चय भी किया है। बजट में वर्ष 2018-19 में पर्यटन विकास के लिए 183.37 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में अब कैरेवन टूरिज्म, एंगलिंग, एस्ट्रोनॉमी, आधुनिक सुविधाओं से युक्त पर्यटन सूचना केंद्रों को शामिल किया है। अभी तक यह योजना वाहन और होटल तक सीमित थी। तीर्थाटन के लिहाज से उत्तराखंड में यात्रा के सुरक्षित, सुगम व सरल होने का संदेश दिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए दीनदयाल मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना लागू की गई है तो होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर रोजगार के साधन भी विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बजट में पर्यटन
-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ा
-प्रदेश के 13 जनपदों में थीम आधारित एक-एक नवीन पर्यटन गंतव्य स्थापना को धनराशि प्रस्तावित
-पर्यटन विकास व रोजगार के लिहाज से होम स्टे योजना के अंतर्गत 15 करोड़ की व्यवस्था
-राज्य के चयनित उद्यानों को हार्टी टूरिज्म के रूप में किया जाएगा विकसित
-ऋषिकेश में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को ऑफिस कम ट्रांजिट कैंप निर्माण को सात करोड़ की राशि
यह भी पढ़ें: अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने वाला बजट: प्रकाश पंत
यह भी पढ़ें: जनता के सुझाव लेकर तैयार किया गया यह जनता का ऐतिहासिक बजट: सीएम
यह भी पढ़ें: वित्त मंत्री प्रकाश पंत के पिटारे ने मेनिफेस्टो को लगाए पंख