Badrinath Yatra 2020: डिम्मर गांव के लक्ष्मी-नारायण मंदिर पहुंचा तेल कलश, 15 मई को खुलने है धाम के कपाट
तेल कलश यात्रा बुधवार दोपहर चमोली जिले के डिम्मर गांव पहुंची। यहां पूजा-अर्चना के बाद तेल कलश को शक्ति पीठ खांडू देवता के संरक्षण में लक्ष्मी-नारायण मंदिर में स्थापित किया गया।
चमोली, जेएनएन। देवप्रयाग से चली गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा बुधवार दोपहर चमोली जिले के डिम्मर गांव पहुंची। यहां पूजा-अर्चना के बाद तेल कलश को शक्ति पीठ खांडू देवता के संरक्षण में लक्ष्मी-नारायण मंदिर में स्थापित किया गया। यहां तेल कलश 11 मई तक रहेगा और 12 मई को जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगा। 15 मई को कपाट खुलने पर इसी तेल से भगवान नारायण का अभिषेक किया जाएगा।
कलश यात्रा में डिम्मर-उमटा डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के सचिव राजेंद्र डिमरी, अनुज डिमरी, टीका प्रसाद डिमरी आदि शामिल थे। डिम्मर गांव पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीणों ने मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तेल कलश यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद श्री लक्ष्मी-नारायण मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने तेल कलश की पूजा-अर्चना की।
यहां से तेल कलश 12 मई को जोशीमठ और 13 मई को पांडुकेश्वर पहुंचेगा। जोशीमठ से बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी आदि शंकराचार्य की गद्दी के साथ पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। 14 मई को पांडुकेश्वर से गरुडज़ी, उद्धवजी व कुबेरजी की डोलियां भी तेल कलश व आदि शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ पहुंचेंगी। 15 मई को ब्रह्ममुहूर्त में 4.30 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।
बिना अनुमति के ही यात्रा में शामिल हुआ बाहरी व्यक्ति
तेल कलश यात्रा के दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया गया। बताया गया यात्रा में एक बाहरी व्यक्ति बिना अनुमति के शामिल हो गया। जबकि, चमोली प्रशासन से तीन लोगों को ही यात्रा में शामिल होने की अनुमति थी। जबकि, एक व्यक्ति को देहरादून जिला प्रशासन की ओर से अनुमति दी गई थी। बावजूद इसके एक अन्य व्यक्ति भी यात्रा में शामिल हो गया, जो कि चमोली जिले का नहीं है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दे दी है। एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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