14 हिम वीरांगनाओं ने फतह की सतोपंथ की बेहद ही खतरनाक चोटी, जानिए
भारतीय पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान से जुड़ी 14 हिम वीरांगनाओं ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक अनाम चोटी को फतह करने में सफलता हासिल की है।
जोशीमठ(चमोली), जेएनएन। बदरीनाथ धाम के पास सतोपंथ में भारतीय पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान से जुड़ी 14 हिम वीरांगनाओं ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक अनाम चोटी को फतह करने में सफलता हासिल की है। समुद्रतल से 17 हजार फीट ऊंची यह चोटी तकनीकी रूप से बेहद खतरनाक मानी जाती है ।
इन महिलाओं को भारतीय पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान औली ने बदरीनाथ धाम के सतोपंथ क्षेत्र में पर्वतारोहण का एडवांस कोर्स कराया, जो छह सप्ताह चला। इस दौरान उन्हें रॉक क्लाइम्बिंग, स्नो क्रॉफ्ट, आइस क्रॉफ्ट, पर्वतों के खतरे, व्यवहार, भारी बर्फ में योग सहित अन्य कठिन से कठिन प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही उन्हें हिमालयी खतरों से निपटने के गुर भी सिखाए गए। प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोही रही लेह की रिन और बिहार की प्रिंस कुमारी ने बताया कि यहां पर उन्होंने अपने डर पर विजय पाना सीखा। साथ ही तकनीकी रूप से बेहद खतरनाक 17 हजार फीट ऊंची अनाम चोटी भी फतह की। यहां थोड़ी-सी चूक पर हिमस्खलन के साथ बर्फ के क्रेवास में घुसने का डर लगा रहता था। बताया कि इसे वह अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानती हैं।
आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के उप सेनानी कमल भारद्वाज ने बताया कि हिम वीरांगनाओं ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। इसे देखते हुए जल्द संस्थान पर्वतारोहण के लिए महिला टीम बनाने जा रहा है। डीआइजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि हिम वीरांगनाओं को बेहद कठिन प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में पहले स्थान पर रही लेह की रिन को सम्मानित भी किया गया।
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