भ्रष्ट नेताओं के प्रभाव में रहती हैं जांच एजेंसियां: संजीव चतुर्वेदी
उत्तराखंड के वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्थाएं की जांच एजेंसियां भ्रष्ट राजनेता और अधिकारियों के प्रभाव में रहती हैं।
बागेश्वर, [जेएनएन]: उत्तराखंड के वन संरक्षक (अनुसंधान) और चर्चित आइएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्थाएं सीबीआइ, ईडी और राज्यों की जांच एजेंसियां भ्रष्ट राजनेता और अधिकारियों के प्रभाव में रहती हैं। मिलीभगत से बेखौफ लूट खसोट हो रही है। यही कारण है कि अब लोक संस्थाओं से आम आदमी का विश्वास उठ रहा है।
बागेश्वर में नागरिक मंच के कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो अभियोजन संस्थाओं को ताकतवर बनाने के साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करना होगा। पूर्व सीएम स्व. जे जयललिता केस का उदाहरण देते हुए कहा कि केस 1996 में शुरू हुआ। उनकी मौत भी हो गई, लेकिन केस खत्म नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई हजार मामले हैं। कहा कि सभी राजनीतिक दलों को आरटीआइ के दायरे में लाना होगा। राजनीतिक चंदे पर दलों को खुद पहल कर उसे कैशलेस करना चाहिए। चतुर्वेदी ने बताया कि नागरिक सेवाओं में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना घूस के कोई काम नहीं होता है। ऐसा विकसित देशों में बहुत कम है। हमारे देश में गरीब के लिए न्याय पाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने लोकपाल बिल आधा-अधूरा रहने पर भी चिंता व्यक्त की।
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