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बागेश्वर में शिकारी जॉय हुकील ने आदमखोर गुलदार को किया ढेर

बागेश्‍वर में आतंक का पर्याय बने गुलदार को शिकारी जॉय हुकील ने ढेर कर दिया है। वन विभाग की टीम शव को वन विभाग के रेंज आफिस ले गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:47 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:47 AM (IST)
बागेश्वर में शिकारी जॉय हुकील ने आदमखोर गुलदार को किया ढेर

बागेश्वर, [जेएनएन]: आतंक का पर्याय बने गुलदार (तेंदुआ) को बुधवार देर सायं शिकारी जॉय हुकील ने ढेर कर दिया है। वन विभाग की टीम शव को वन विभाग के रेंज आफिस ले गई है। सुबह उसका पोस्टमार्टम होगा और शव जलाया जाएगा। हालांकि मारा गया गुलदार आदमखोर था या नहीं इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा।

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पौड़ी के शिकारी जॉय हुकील ने  देर शाम करीब साढ़े छह बजे के बीच नदीगांव और द्यांगण सेरे के बीच गुलदार पर गोली दागी और उसे ढेर कर दिया। गोली चलने के बाद वहां ग्रामीणों का काफी भीड़ लग गई। पुलिस और वन विभाग की टीम ने गुलदार को आनन-फानन में कब्जे में लिया और उसे गाड़ी में लादकर रेंज आफिस ले गई है। वन कर्मियों के अनुसार मारे गए गुलदार का गुरुवार को पोस्टमार्टम होगा और उसे जलाया जाएगा। 

आरओ मोहन सिंह नयाल ने बताया कि गुलदार मादा है उसकी उम्र करीब 13 साल है। टीम में पौड़ी से आए शूटर अजहर भी शामिल थे। शिकारी लखपत सिंह ने बताया कि मंगलवार की रात द्यांगण और नदीगांव के बीच गोमती नदी के समीप पुल के नीचे एक गुफा थी, वहां गुलदार के रहने की संभावना थी। बुधवार की शाम शिकारी ने उसी स्थान का रुख किया और उन्हें कामयाबी मिली। 

क्यों मारना पड़ा गुलदार को 

बागेश्वर के द्यांगण गांव में एक सप्ताह में दो बच्चों की मौत के बाद आदमखोर गुलदार को मारने की मांग को लेकर जनता सड़क पर आ गई थी। छह नवंबर को छह साल के सूरज को गुलदार घर के आंगन से उठाकर ले गया था और कुछ ही दूरी पर उसका शव बरामद हुआ था। दूसरी घटना नौ नवंबर को हुई। जिसमें 14 वर्षीय हेमंत टंगड़िया गुलदार को देखकर घर को भागने लगा। इस दौरान वह नाले में गिरकर गंभीर से घायल हो गया था। जिसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। उसके बाद भी गुलदार जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में नजर आ रहा था। दशहत में रह रहे ग्रामीणों की मांग पर शासन ने 10 नवंबर को गुलदार को आदमखोर घोषित किया था। इसके बाद यहां शिकारी लखपत सिंह व जॉय हुकील 13 नवंबर को यहां पहुंचे थे। 

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