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बागेश्वर के जिला पंचायत कांडा का डाक बंगला बदहाल

कांडा में अंग्रेजों के समय का बना डाक बंगला उपेक्षा के चलते बदहाल है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 06:31 PM (IST)
बागेश्वर के जिला पंचायत कांडा का डाक बंगला बदहाल

संवाद सूत्र, कांडा : कांडा में अंग्रेजों के समय का बना डाक बंगला उपेक्षा के चलते बदहाल है। बंगले में बिजली है न पानी। हालात ये हैं कभी जिला पंचायत को राजस्व देने वाले बंगले की कमाई शून्य हो गई है। 1952 से 1997 तक अल्मोड़ा जिला पंचायत ने इसका संचालन किया। 1997 के बाद बागेश्वर जिला पंचायत इसका संचालन कर रही है। 2010 से नवंबर 2021 तक डाक बंगले से जिला पंचायत को मात्र 2,326 रुपये की आय हो पाई है। 1902 में निर्मित बंगले में अंग्रेजी शासन काल अंग्रेज और उनके अधीन काम करने वाले अधिकारी यहां ठहरते थे। 1978 में बंगले की देखरेख के लिए कर्मचारी की तैनाती की गई थी, जिसे 60 रुपये महीने वेतन मिलता था। 2019 तक छह हजार रुपये और अब वेतन आठ हजार रुपये कर दिया गया है। कोविड काल में भी इसका पूरा लाभ लिया गया। यहां बाहर से आएं प्रवासियों को ठहराया गया था। -------- उखड़ने लगी छत की टिन डाक बंगले में मेहमानों के लिए दो सेट, कर्मचारी के लिए एक सेट, स्टोर और कार्यालय कक्ष बने हैं। अधिकांश कमरों की छत से टिन उखड़ने लगी है। बारिश के दौरान छत टपकने लगती है।

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-वर्जन-

क्षेत्र के लोगों ने बंगले के हालात की जानकारी दी, पिछले दिनों मैंने स्वयं कांडा भ्रमण के दौरान इसका निरीक्षण किया। इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने के लिए हर संभव प्रयास चल रहे हैं। जिर्णोद्धार करने के लिए सदन में मामला रखा है। इसे हाईटेक बनाने की कवायद की जाएगी। -बंसती देव, जिला पंचायत अध्यक्ष।


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