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नहीं सुधरे स्टेट हाईवे के हालात

पर्यटन व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे की हालत आपदा के एक माह बाद भी नहीं सुधरने से यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। यहीं नहीं ध्वस्त स्टेट हाईवे के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में संकेताक व चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए जा सके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 04:00 PM (IST)
नहीं सुधरे स्टेट हाईवे के हालात

संस, रानीखेत : पर्यटन व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे की हालत आपदा के एक माह बाद भी नहीं सुधरने से यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। यहीं नहीं ध्वस्त स्टेट हाईवे के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में संकेताक व चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए जा सके हैं। इससे खतरा लगातार बढ़ते ही जा रहा है। लोगों में हाईवे को दुरुस्त कर चेतावनी बोर्ड लगाए जाने की माग की है।

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अक्टूबर में हुई मूसलधार बारिश के बाद उफान में आई कोसी नदी ने रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे को भारी नुकसान पहुंचाया। खैरना से भुजान के बीच करीब आठ सौ मीटर दायरे में हाईवे का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त होकर हाईवे का आधा हिस्सा कोसी नदी में समा गया। बमुश्किल आवाजाही सुचारू हो सकी। आपदा को एक माह से भी अधिक समय बीतने पर भी स्टेट हाईवे को दुरुस्त करने की ओर कदम नहीं उठाना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। हाईवे पर बढ़ती दरारें भी दुर्घटना को दावत दे रहे है। यहीं नहीं दुर्घटना संभावित स्थानों पर विभाग ने संकेताक व बोर्ड लगाने की जहमत तक नहीं उठाई। स्थानीय लोगों ने हाईवे को दुरुस्त कर संकेतांक बोर्ड लगाने की मांग की है। रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर होने के चलते सेना के वाहन भी इसी हाईवे से आवाजाही करते हैं। प्रातीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष महिपाल सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, चंदन सिंह, मदन सिंह, कैलाश तिवारी, पूरन लाल साह आदि ने स्टेट हाईवे को दुरुस्त करने के साथ ही खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड आदि लगाए जाने की माग उठाई है।


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