उत्तराखंड में दुर्लभ हिरन कस्तूरी पर शोध से उम्मीदें जगी
केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद यसो नाइक का कहना है कि बागेश्वर स्थित कस्तूरा मृग प्रजनन केंद्र को शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
रानीखेत, अल्मोड़ा [जेएनएन]: केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद यसो नाइक ने कहा कि उत्तराखंड में धरमघर (बागेश्वर) स्थित कस्तूरा मृग प्रजनन केंद्र शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने माना कि देश दुनिया की इस दुर्लभ मृग प्रजाति के संरक्षण व बगैर क्षति पहुंचाए कस्तूरी निकालने की हाइटेक तकनीक विकसित करने में केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) आयुष मंत्रालय का बड़ी भूमिका रही है। यह भी कहा कि कस्तूरा मृग हिमालयी क्षेत्र का संरक्षित प्राणी है। इसके लिए धरमघर बेहद मुफीद है। नाइक के इस एलान से कस्तूरा हिरन के प्रजनन, अनुसंधान आदि तमाम रुके पड़े कार्यों के फिर परवान चढ़ने की नई उम्मीद जगी है।
विकासखंड के थापला स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आरएआरआइ) में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नाइक ने कहा, औषधीय पादपों के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही अनुसंधान के जरिये आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में संस्थान अभूतपूर्व कार्य कर रहा है।
केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा व उपनेता करन माहरा के धरमघर स्थित कस्तूरा मृग प्रजनन केंद्र को नैनीताल जू शिफ्ट न किए जाने के प्रस्ताव पर नाइक ने साफ कहा, उसे कहीं नहीं हटाया जाएगा। प्रजनन केंद्र धरमघर में ही रहेगा। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के इस एलान से पिछले डेढ़ दशक से आयुष मंत्रालय एवं वन मंत्रालय के बीच सुपुर्दगी पर हीलाहवाली के फेर में रुके पड़े शोध कार्य, कस्तूरा मृग के प्रजनन की थमी प्रगति आदि तमाम उम्मीदों को बल मिला है।
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