कलयुग में हुए त्रेतायुग के दर्शन, भाव विभोर हो उठा मन
रानीखेत के मानिला में आयोजित महोत्सव में दर्शक उस वक्त भावविभोर हो गए, जब उन्हें सतयुग के दर्शन करने को मिले।
रानीखेत, [जेएनएन]: मानिला महोत्सव में दूरदर्शन के कलाकारों ने रामलीला मंचन के जरिये सशक्त अभिनय से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। महोत्सव गणेश पूजन के साथ प्रथम दृश्य दशरथ दरबार में पुत्रोत्पत्ति यज्ञ, राम लक्ष्मण जन्म और विश्वामित्र आगमन के मनोहारी चित्रण के साथ आरंभ हुआ।
मानिला विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित महोत्सव में दिल्ली दूरदर्शन एवं रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकारों ने चार चांद लगाए। दर्शकों से ठसाठस भरे पंडाल में राम लक्ष्मण वन गमन के साथ राक्षसी ताड़का वध का मंचन किया गया। अगले दृश्य में जनक दरबार, शिव धनुष खंडन एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।
परशुराम के 'हे मिथिला पति बता ये शिव धनु किसने तोड़ा है' के जवाब में लक्ष्मण के कि 'क्यों करते हो मुनि इतना क्रोध इसमें क्या दोष हमारा है', जैसे सशक्त संवाद ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। पत्पश्चात प्रभु राम एवं माता सीता के स्वयंवर, जनकपुरी से अयोध्या को विदाई की सजीव प्रस्तुति ने सभी दर्शकों की आंखें नम कर दी।
आगे के दृश्यों में दशरथ मरण, राम वनवास, सूर्पनखा नासिक छेदन, माता सीता हरण,जटायु मरण,अहिल्या उद्धार,भक्त हनुमान मिलन,बाली सुग्रीव युद्ध,लंका दहन, रावण अंगद संवाद,राम रावण युद्ध के साथ श्री राम का राज्यभिषेक के सुंदर चित्रण ने सम्पूर्ण वातावरण को संपूर्ण रामलीला के माध्यम से राममय कर दिया। रामलीला मंचन के कलाकारों में निर्देशक शिव दत्त पंत,पार्श्व गायक पुष्कर शास्त्री,दीपा पंत, दशरथ पात्र महेश उपाध्याय,राम बसंत नेगी,लक्ष्मण भुवन, बुड़ाकोटी,सीता ज्योति, कैकई बबिता कसन्याल, ताड़का ललित मोहन धौलाखण्डी के साथ शिवराज अधिकारी, दिनेश,देवकी नंदन, कृपाल,चंदन आदि के दमदार अभिनय ने सब दर्शकों का मन मोह लिया।
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