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विश्व के दो बड़े ताकतवर देश करेंगे संयुक्त युद्धाभ्यास, इनपर रहेगा फोकस

रविवार को दो बड़े ताकतवर देश भारत और अमेरिका एकसाथ नजर आएंगे। दोनों राष्ट्रों के बीच 14 वें संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास 2018 का आगाज होगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:34 PM (IST)
विश्व के दो बड़े ताकतवर देश करेंगे संयुक्त युद्धाभ्यास, इनपर रहेगा फोकस
विश्व के दो बड़े ताकतवर देश करेंगे संयुक्त युद्धाभ्यास, इनपर रहेगा फोकस

रानीखेत, [जेएनएन]: रक्षा सहयोग, सामरिक संबंधों की मजबूती और आतंकवाद की वैश्विक चुनौती से निपटने का संकल्प लेकर विश्व के दो बड़े गणतांत्रिक देश भारत और अमेरिका एक साल बाद फिर साथ होंगे। चौबटिया के गौरव 'गरुड़ डिवीजन' के मैदान में रविवार को राष्ट्रगान 'जन गण मन' व अमेरिकी 'द स्टार स्पेगल्ड' की मोहक धुन पर फ्लैग मार्च पास्ट होगा। इसके साथ ही दोनों राष्ट्रों के बीच 14 वें 'संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास 2018' का जोरदार आगाज होगा। उधर, चौबटिया पहुंचे यूएस आर्मी के सैन्य अधिकारी व जवानों ने दो दिन तक घने जंगलों से घिरे रानीखेत के मौसम, जलवायु और वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने के बाद भारतीय जवानों के साथ युद्धाभ्यास के लिए मानसिक तौर पर तैयारी कर ली है। 

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संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास के शुभारंभ समारोह के लिए भारतीय सेना का गरुड़ मैदान तैयार कर लिया गया है। सैनिक परंपरा के मुताबिक ग्राउंड के मैत्रीद्वार से इंडो-अमेरिकन फौज की संयुक्त मार्च पास्ट पूरी दुनिया को विश्व शांति और आतंकवाद के खात्म के लिए मिलकर कदम बढ़ाने का पैगाम देगी। माना जा रहा है कि ये अभ्यास दोनों लोकतांत्रिक देशों के प्रजातंत्र और अन्य पहलुओं के साथ ही वैश्विक चुनौती बन चुके आतंकवाद से निपटने में मील का पत्थर साबित होगा।   

इन पर रहेगा 'युद्धाभ्यास' का फोकस 

- सैन्य सूत्रों की माने तो संयुक्त राष्ट्र (यूएनओ ) के चार्टर अनुसार आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन, जवाबी एवं आतंकवाद विरोधी कार्रवाई। 

- विश्व शांति स्थापना के लिए जरूरी कदम उठाना। 

- बिग्रेड स्तर पर सामूहिक व तकनीकी युद्ध कौशल का प्रदर्शन।

- स्टेट ऑफ द आर्ट इक्विपमेंट के तहत निगरानी, ट्रैकिंग, नजदीकी सैन्य युद्ध का विशेष हथियार ,संचार उपकरण, विस्फोटक एवं आईडी डिटेक्टर अभ्यास। 

- सैन्य दलों को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अभियानों में सुविकसित तकनीक ड्रिल में महारथ हासिल करना। 

पीआरओ (रक्षा मंत्रालय) कर्नल अमन आनंद के मुताबिक 16 से 29 सितंबर तक दो सप्ताह तक चलने वाले इस संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास में भारत-अमेरिका सेना के लगभग 350-350 जांबाज हिस्सा लेंगे। इसबार अभ्यास की प्रगतिशील योजना बनाई गई है। इसके तहत शुरुआत एक दूसरे की संगठनात्मक संरचना, हथियार, उपकरण, आत्मविश्वास, प्रशिक्षण और सामरिक अभ्यास से परिचित होकर की जाएगी। 

इसके बाद प्रशिक्षण संयुक्त सामरिक अभ्यासों के लिए आगे बढ़ेगा। जिसमें दोनों सेनाओं के युद्ध के अभ्यास सुसंगत रूप से मुक्त होंगे। समापन दोनों देशों के सैनिक संयुक्त रूप से एकलपित लेकिन 'यथार्थवादी सेटिंग' में आतंकवादियों के खिलाफ एक अभियान चलाकर करेंगे। 

'संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास 2018' एक डिवीजन मुख्यालय आधारित कमांड पोस्ट व्यायाम, एक इन्फैंट्री बटालियन को फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास के साथ दोनों देशों के विशेषज्ञ पारस्परिक हितों से जुड़े मुद्दों पर मंथन करेंगे। 'संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास' की पूर्व संध्या पर भारत और अमेरिकी सैनिकों ने परेड आदि की ड्रिल भी की। 

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