शौर्य दिवसः मातृभूमि पर कुर्बानी चौड़ा करती है परिजनों का सीना
कारगिल की लड़ाई में जान की कुर्बानी देने वाले जाबांजों के बलिदान से आज भी उनके परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। जिले से सात जवानों ने कारगिल लड़ाई में प्राण न्यौछावर किए।
अल्मोड़ा, [चन्दन नेगी]: सन 1999 में जम्मू कश्मीर के दुर्गम पर्वतीय एवं हिमाच्छादित भूभाग कारगिल से दुश्मनों का अवैध कब्जा हटाने को भारतीय जाबांजों ने अदम्य साहस से लड़ाई लड़ी और प्राणों की आहुति दे दी, मगर सीमा की हिफाजत की। कारगिल की लड़ाई में जान की कुर्बानी देने वाले जाबांजों के बलिदान से आज भी उनके परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। अल्मोड़ा जिले से सात जवानों ने कारगिल लड़ाई में प्राण न्यौछावर किए।
कारगिल लड़ाई में भारतीय सेना के 527 जाबांजों ने अदम्य साहस व पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया। भले ही उन्हें मातृ भूमि की रक्षा को प्राण न्यौछावर करने पड़े, मगर दुश्मन के आगे झुके नहीं।
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इसमें उत्तराखंड के 75 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। जिनमें अल्मोड़ा जिले के 7 जाबांज शामिल हैं। जिले के इन जवानों ने माटी की रक्षा के लिए अपनी जान की कुर्बानी तो दी ही, देश के इतिहास में अपनी बहादुरी के लिए हमेशा-हमेशा के लिए अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित भी करा गए।
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यही वजह है कि हर साल शौर्य दिवस के रूप में इन जवानों को याद किया जाता है। इस मौके पर भले ही इनके परिजनों की आंखें नम जरूर होती हैं, मगर जाबांजों की देश के लिए बलिदान की भावना उनके सीने को गर्व से चौड़ा कर देती है।
कागरिल युद्ध के दौरान जीत के जश्न की दुर्लभ तस्वीरें...
जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में दर्ज जिले के सात कारगिल शहीदों के परिवारों को पेंशन व अन्य सुविधा प्रदत्त हैं। इन सातों के अलावा कारगिल युद्ध में कुछ पैरा मिलट्री के जवान भी शहीद हुए, मगर उनका रिकार्ड सोल्जर बोर्ड के पास नहीं रहता है। इस वजह से उनकी सुविधाएं भी अस्पष्ट हैं।
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अल्मोड़ा जिले के कारगिल शहीद
1- कैप्टन आदित्य मिश्रा (लद्दाख स्काउट)
2- हवालदार हरी सिंह थापा (54 बीईजी)
3- नायक हरी बहादुर घले (सेना मेडल 1 नागा)
4- हवलदार तम बहादुर क्षेत्री (सेना मेडल, 1 नागा)
5- लांसनायक हरीश सिंह देवड़ी (17 गढ़वाल राइफल)
6- पीटीआर राम सिंह बोरा (10 पैरा)
7- सिपाही मोहन सिंह (सेना मेडल 2 नागा)
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जिले में सिर्फ तीन परिवार
जिले के सात कारगिल शहीदों के परिवारों में से वर्तमान में नायक स्व. हरी बहादुर घले, हवालबाद स्व. तम बहादुर क्षत्री व लांसनायक स्व. हरीश देवड़ी के परिवार ही अल्मोड़ा जिले में निवास कर रहे हैं, अन्य चार शहीदों के परिवार लखनऊ, देहरादून, हल्द्वानी आदि शहरों में बस गए हैं।
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