Sonbhadra में ओबरा को सबसे बड़ा बिजलीघर बनाने की योजना, ओबरा-सी की दो यूनिट 2022 तक तैयार
प्रदेश की सबसे बड़ी तापीय परियोजना रही ओबरा को पुन सबसे ज्यादा क्षमता की परियोजना बनाने की योजना पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम कार्य कर रहा है। कोरोना की वजह से इसमें रुकावट आयी है लेकिन नए वर्ष में इसमें तेजी की संभावना है।
सोनभद्र, जेएनएन। 80 के दशक तक प्रदेश की सबसे बड़ी तापीय परियोजना रही ओबरा को पुन: सबसे ज्यादा क्षमता की परियोजना बनाने की योजना पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम कार्य कर रहा है। कोरोना की वजह से इसमें रुकावट आयी है, लेकिन नए वर्ष में इसमें तेजी की संभावना है। अनपरा-ई में स्थापित होने वाली 800 मेगावाट की एकमात्र इकाई के ओबरा में स्थापित किये जाने की योजना के कारण ओबरा में कुल चार हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली पैदा होगी।
फिलहाल, निर्माणाधीन 1320 मेगावाट के ओबरा-सी की 660 मेगावाट क्षमता की पहली यूनिट के अक्टूबर 2021 तक और 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट के अप्रैल 2022 तक पूरे होने का अनुमान है। इनके चालू होने पर ओबरा की क्षमता 2320 मेगावाट हो जाएगी। उधर, ओबरा-डी के तहत 800-मेगावाट वाली दो इकाइयों की स्थापना के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का कार्य पिछले वर्ष ही शुरू हो गया था। तत्कालीन, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद की सबसे पुरानी तापीय परियोजना रही ओबरा के चल रहे विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित ओबरा-डी के निर्माण के बाद ओबरा परियोजना की कुल क्षमता 3920 मेगावाट हो जाएगी।
ओबरा-डी के लिए एनटीपीसी द्वारा ओबरा कालोनी परिसर के लिहाज से फिजीबिलिटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायी जा रही है। योजना के तहत परियोजना कालोनी के सभी सेक्टरों का टोपोग्राफिकल सर्वे शुरू हो चुका है। उत्पादन निगम द्वारा परियोजना कालोनी के सेक्टर 1,2,3,4,8 एवं 9 का टोपोग्राफिकल सर्वे कराया गया है। इस सर्वे का उपयोग प्रस्तावित ओबरा-डी के लिए बनाए जाने वाले फिजिबिलिटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में किया जा रहा है। फिलहाल नये प्रस्ताव के तहत 2027 तक पहली इकाई तथा 2030 तक दूसरी इकाई के स्थापना की योजना है।
एफजीडीएस से बढ़ेगा जीवन
ओबरा की 200 मेगावाट की पांच इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम (एफजीडीएस) लगाने के निर्णय से इन इकाइयों के जीवन में विस्तार की संभावना बढ़ गई है। योजना के तहत ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली इकाइयों, अनपरा की 210 मेगावाट की तीन एवं 500 मेगावाट की दो इकाइयों सहित हरदुआगंज की इकाइयों में एफजीडीएस प्रणाली स्थापित की जानी है। अभी तक उत्पादन निगम ने अनपरा-अ तापघर की 210 मेगावाट वाली तीन इकाइयों और ब तापघर की 500 मेगावाट वाली दो इकाइयों में एफजीडी की स्थापना एवं परामर्शी सेवा पर 873.38 करोड़ की कार्य योजना का अनुमोदन प्रदान किया था।इसी के तहत प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में अपने हिस्से के तौर पर 200 करोड़ की व्यवस्था की थी, लेकिन चीन से हुए विवाद के बाद एफजीडीएस प्रणाली लगाने की योजना मुख्यालय में स्थिर अवस्था में है।