बीएचयू में आयोजन : विश्व में कोई भी विज्ञान हो, वैदिक गणित के सूत्र पर ही आधारित
बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित एक वर्षीय ‘वैदिक गणित में डिप्लोमा’ पाठ्यक्रम के परिचयात्मक व्याख्यान माला के तृतीय दिवस में वर्चुअल माध्यम से ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वैदिक गणित की प्रासंगिकता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : विश्व में किसी भी तरह का विज्ञान हो, उसमें वैदिक गणित के सूत्रों का ही प्रयोग होता है। यही नहीं, अंतरिक्ष विज्ञान में भी इसका उपयोग होता है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि कंप्यूटर भी वैदिक गणित पर ही आधारित है। यह कहना है वैदिक गणित विद्या भारती के अखिल भारतीय संयोजक देवेंद्र राव देशमुख का। वह गुरुवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित एक वर्षीय ‘वैदिक गणित में डिप्लोमा’ पाठ्यक्रम के परिचयात्मक व्याख्यान माला के तृतीय दिवस में वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे और ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वैदिक गणित की प्रासंगिकता’ विषय पर बोल रहे थे।
श्री देशमुख ने बताया कि वैदिक गणित में 16 सूत्र और 13 उपसूत्र हैं, जो देश-दुनिया के लिए काफी प्रासंगिक हैं। उन्होंने वैदिक गणित, समकालीन गणित और विज्ञान के कई तथ्यों को साझा किया। मुख्य वक्ता का वाचिक स्वागत करते हुए केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महामना के मूल्यों का अनुसरण करते हुए हम देश-विदेश के वैदिक गणित के विशेषज्ञ विद्वानों के ज्ञानालोक से विद्यार्थियों को लाभान्वित कराना चाहते हैं और महामना की सत्प्रेरणा से इस प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में अतिथि अध्यापक डा. एसएल मौर्य, डा. पंकज तिवारी, डा. बजरंग चतुर्वेदी एवं छात्रगण उपस्थित थे।