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बरेली जेल में निरुद्ध आजमगढ़ में माफिया अखंड सिंह की 1.81 करोड़ की संपति कुर्क

बरेली जेल में निरुद्ध माफिया अखंड सिंह की 1 करोड़ 81 लाख 97 हजार रुपये की संपति को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम को कुर्क कर लिया। हालांकि यह आदेश कलेक्टर राजेश कुमार ने एक पखवाड़ा पूर्व ही कर दिया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 08:46 PM (IST)
बरेली जेल में निरुद्ध माफिया अखंड सिंह की संपति को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को कुर्क कर लिया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बरेली जेल में निरुद्ध माफिया अखंड सिंह की 1 करोड़ 81 लाख 97 हजार रुपये की संपति को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम को कुर्क कर लिया। हालांकि यह आदेश कलेक्टर राजेश कुमार ने एक पखवाड़ा पूर्व ही कर दिया था। पुलिस ने कार्रवाई को जमीन पर उतारी तो माफियाओं में एक बार फिर से हड़कंप मच गया।

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तरवां थाना क्षेत्र के जमुवां गांव निवासी अखंड प्रताप सिंह बीते माह लखनऊ में मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हुई हत्या के बाद सुर्खियों में आया था। हालांकि वाराणसी के ट्रांसपोर्टर की हत्या मामले में नाम सामने आने पर भी इसकी दहशत लोगों में बढ़ी थी। ट्रांसपोर्टर की हत्या में ही अखंड सलाखों के पीछे पहुंचा तो अभी तक बाहर नहीं आ पाया है। जिलाधिकारी राजेश कुमार ने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में अखंड प्रताप सिंह की जरायम से कमाई अवैध संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था।

जिलाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार की शाम को मेंहनगर तहसीलदार सर्वेश कुमार सिंह गौर व तरवां थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने पुलिस फोर्स व राजस्व कर्मियों के साथ जमुआ गांव पहुंचे । जमुआ व नदवां ग्राम में अखंड सिंह व उनकी पत्नी वंदना सिंह के नाम से क्रय की गई अचल संपति (भूखंड) को कुर्क कर लिया। कुर्क की गई अचल संपति का प्रशासक तहसीलदार मेंहनगर को बनाया गया है । पुलिस व प्रशासन की यह कार्रवाई पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ था। तरवां थाना क्षेत्र के जमुआं गांव निवासी व तरवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह पुत्र स्व. साहब सिंह के खिलाफ तरवां थाना में वर्ष 2008 में गैंगस्टर के तीन, वर्ष 2015 में गैंगस्टर का एक मुकदमा दर्ज किया गया था। गैंगस्टर के दर्ज चारों मुकदमे में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित कर दिया था। इन मुकदमों में अखंड काफी लंबे अर्से से गैरहाजिर चल रहा था। वाराणसी के ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की 11 मई 2013 को हुई हत्या के बाद अखंड सिंह का नाम आरोपित के रूप में सामने आया।


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