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पेट के बल लेटने से सामान्य आक्सीजन की कमी हो सकती है दूर, बोले वाराणसी के सीएमओ

वाराणसी के सीएमओ ने बताया कि पेट के बल लेटने के लिए चार से पांच तकिए की जरूरत होती है। कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं आक्सीजन लेवल 95 से घट गया तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 07:10 AM (IST)
आक्सीजन लेवल 95 से घट गया हो तो पेट के बल सोने की सलाह दी गई है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों में आक्सीजन कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है। शरीर में आक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पाजिटिव को अस्पताल की जरूरत भी पड़ रही है। सीएमओ डा. वीबी सिंह के मुताबिक यदि होम आइसोलेशन के मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर पेट के बल सोएं तो आक्सीजन की सामान्य कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इस संबंध में पोस्टर जारी कर विस्तार से जानकारी दी है। डा. सिंह ने बताया कि पेट के बल लेटने के लिए चार से पांच तकिए की जरूरत होती है। यदि किसी कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं आक्सीजन लेवल 95 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गई है। इसके लिए सबसे पहले मरीज पेट के बल लेटें। एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के तापमान की जांच, आक्सीमीटर से आक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेशर एवं शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए।

फायदेमंद हैं सोने के ये चार पोजिशन 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है। इनमें 30 मिनट से दो घंटे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घंटे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घंटे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घंटे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है।

इन बातों का रखें ख्याल

- भोजन करने के एक घंटे तक पेट के बल सोने से परहेज करें।

- पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकते हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें।

- तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो।

इन हालातों में पेट के बल सोने से बचें

- गर्भावस्था के दौरान।

- वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या)।

- गंभीर हृदय रोग में।

- स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में।


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