Kashi Mahakal Express : शिवरात्रि तक काशी- महाकाल एक्सप्रेस को पटरी पर लाने की कोशिश तेज
Kashi Mahakal Express कोरोना काल की शिकार देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन काशी- महाकाल एक्सप्रेस इसी महीने तीसरे सप्ताह से रफ्तार भरती दिखेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार 21 24 या फिर 27 फरवरी से इस ट्रेन का संचालन पुनः प्रारंभ हो सकता है।
वाराणासी, जेएनएन। कोरोना काल की शिकार देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन "काशी- महाकाल एक्सप्रेस" इसी महीने तीसरे सप्ताह से रफ्तार भरती दिखेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार 21, 24 या फिर 27 फरवरी से इस ट्रेन का संचालन पुनः प्रारंभ हो सकता है। वाराणसी से इंदौर के लिए चर्चित काशी- महाकाल को पटरी पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। आईआरसीटीसी की तरफ से रैक के रख- रखाव के बाबत फीडबैक मांगा जा चुका है।
20 फरवरी को काशी- महाकाल एक्सप्रेस के पहले वर्षगांठ को लेकर आईआरसीटीसी की तरफ से कुछ खास तैयारियां चल रही है। कॉरपोरेट ट्रेनों की शृंखला में लखनऊ- नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस पहले ही 14 फरवरी से बहाल हो चुकी है। अब यात्रियों की मांग के अनुरूप काशी- महाकाल एक्सप्रेस को भी चलाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
इस ट्रेन को खास बनाती सुविधाएं
- स्मोक एन्ड हिट डिटेक्शन अलार्म
- हर बर्थ पर यूएसबी चार्जिंग पॉइंट
- पढ़ने के लिए हर सीट पर रीडिंग लाइट
- बुजुर्ग यात्रियों को ऊपरी बर्थ के लिए आराम दायक सीढ़िया
- ट्रेन की स्थिति बताने वाली जीपीएस एनेबल स्क्रीन
- आठ बर्थ के हर कूपे में क्रीमी-ग्रे कलर के कर्टेन
आरामदायक शायिका
काशी- महाकाल एक्सप्रेस में बुजुर्ग यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए साइड बर्थ को आरामदायक बनाया गया है। ताकि श्रद्धालुओं को लेटने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
हवाई जहाज जैसी सुविधा
तृतीय श्रेणी वातानुकूलित कोच में सुविधाएं हवाई जहाज से कम नहीं है। 72 बर्थ के कोच में काफी फैलाव है। एयर क्रॉफ्ट की तरह कम स्पेस में बॉयो टॉयलेट बनाया गया है। जिसमें बेबी बोर्ड भी है। कोच में लिनेन रखने के लिए अलग से अलमारी की सुविधा भी है।
कोच रायबरेली में हुआ तैयार
काशी- महाकाल एक्सप्रेस को रायबरेली स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना में तैयार किया गया है। गत वर्ष सितम्बर 2019 में यह डिब्बा कर्मचारियों ने बनाया है।