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कोटा-पटना एक्सप्रेस में बीएचयू के छात्रों ने पकड़ा फर्जी टीटीई, वाराणसी में जीआरपी ने लिया हिरासत में

कोटा-पटना एक्सप्रेस के जनरल कंपार्टमेंट में गुरुवार को एक फर्जी टीटीई को बीएचयू के छात्रों ने संदेह होने पर बंधक बना लिया। वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंचने पर पहले से अलर्ट जीआरपी ने युवक को हिरासत में ले लिया।

By Jagran NewsEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Thu, 20 Oct 2022 05:07 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2022 07:14 PM (IST)
वाराणसी कैंट स्‍टेशन पर जीआरपी कार्यालय में पेश किया गया फर्जी टीटीई

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोटा - पटना एक्सप्रेस के जनरल कंपार्टमेंट में गुरूवार को एक फर्जी टीटीई (टिकट चल परीक्षक) को यात्रियों ने बंधक बना लिया। कैंट स्टेशन पर उसे मुक्त कराने के बाद जीआरपी ने हिरासत में ले लिया। अब अग्रिम कार्रवाई में जुटी हुई है। सुल्तानपुर स्थित शास्त्री नगर निवासी मो. यूसुफ नामक युवक के पास से दूसरे व्यक्तियों के पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार मो. यूसुफ सुल्तानपुर से ट्रेन में चढ़ा था। कोटा - पटना एक्सप्रेस के जनरल कंपार्टमेंट (डी -2) में वह यात्रियों का टिकट चेक कर रहा था। इसी बोगी में सवार बीएचयू के छात्रों को सन्देह हुआ तो उन्होंने कड़ाई से पूछताछ की। गोलमोल जवाब मिलने पर उसे पकड़ लिया। 182 नंबर के जरिए रेलवे कंट्रोल को सूचना दी गई। कैंट स्टेशन पहुंचने पर पहले से अलर्ट जीआरपी ने युवक को हिरासत में ले लिया।

रेलवे की अच्छी समझ

सूत्रों की माने तो फर्जी टीटीई और टीसी के गैंग की रेलवे में अच्छी पैठ होने की वजह से पता लगा लेते हैं कि किस ट्रेन में कितने टीटीई जा रहे हैं। इसके बाद इस गैंग के मेंबर नटवरलाल बनकर अपना काम शुरू कर देते हैं। बिल्कुल टीटीई का हुलिया बनाकर गैंग के सदस्य यात्रियों से जुर्माना वसूलते हैं। इनके पास ईएफटी बुक भी रहती है।

सीट एलॉट करने के भी रुपये ऐंठते हैं। ये सब करने के बाद स्टेशन आने से पहले आउटर पर ही ट्रेन से उतर जाते हैं। ऐसे में इनके लिए रेलवे विजिलेंस की स्पेशल टीम ने एक स्पेशल प्लान बनाया है, जिसके तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी ईएफटी बुक से खेल

सीधे साधे यात्रियों को फांसने के लिए जालसाज फर्जी ईएफटी का भी इस्तेमाल करते हैं। ईएफटी बुक एक तरह की चालान बुक होती है। जोकि ट्रेनों में टीटीई और रेलवे स्टेशनों में टीसी के पास मौजूद रहती है। इससे ही चालान काटकर यात्रियों को एक पेपर मिलता है जबकि बाकी की कॉर्बन कॉपी इसमें लगी रहती है। इस बुक के शुरुआत और अंत में स्टील की बाइनडिंग होती है।

यात्रियों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी

- यात्री संदेह होने पर टीटीई से चेकिंग अथॉरिटी पास देख सकता है।

- टीटीई को रेलवे आईडी कार्ड व नेम प्लेट जारी करता है। जोकि चेकिंग के दौरान टीटीई को पहनना जरूरी होता है।

- जुर्माना रसीद यानि 'ईएफटी' में एक ओरिजनल प्रति की तीन कॉर्बन प्रतियां होती है।

- रसीद बुक के पेज पर जारी किए गए स्टेशन की मोहर होती है जोकि रंग बदलती हैं।

- टीटीई को सीआईटी लाइन की तरफ से एक साल का चेकिंग अथॉरिटी पास दिया जाता है। जो कि गुलाबी रंग का होता है। पैसेंजर्स के मांगने पर उसको टीटीई को दिखाना होता है।

युवक को सुल्तानपुर जीआरपी के हवाले कर दिया जाएगा

' औपचारिक कार्रवाई के बाद युवक को सुल्तानपुर जीआरपी के हवाले कर दिया जाएगा।'

- हेमंत कुमार सिंह, इंस्पेक्टर जीआरपी, कैंट स्टेशन।


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