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तेज आंधी और तूफान में सुरक्षित है वाराणसी के बीएचयू में बना डीआरडीओ का कोविड अस्पताल

बीएचयू के एंफीथिएटर ग्राउंड में बने डीआरडीओ अस्पताल पर तेज आधी-तूफान का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। उसे सामान्य मकान से ज्यादा सुरक्षित और मजबूत बनाया गया है। इसके लिए जगह-जगह एंकरिंग की गई है। उसे सामान्य मकान से ज्यादा सुरक्षित और मजबूत बनाया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 07:30 AM (IST)
बीएचयू के एंफीथिएटर ग्राउंड में बने डीआरडीओ अस्पताल पर तेज आधी-तूफान का भी कोई असर नहीं पड़ेगा।

वाराणसी [जेपी पांडेय] । बीएचयू के एंफीथिएटर ग्राउंड में बने डीआरडीओ अस्पताल पर तेज आधी-तूफान का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। उसे सामान्य मकान से ज्यादा सुरक्षित और मजबूत बनाया गया है। इस अस्थायी अस्पताल के एक-एक पोल की एकरिंग (जमीन में एक मीटर से अधिक गाड़ा गया है) की गई है। तेज हवा और बवंडर आने पर भी अस्पताल के अंदर हवा प्रवेश नहीं करेगी। यदि कहीं से हवा प्रवेश भी कर गई तो उस पर तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। सुरक्षा के दृष्टिगत डीआरडीओ अस्पताल को चाेराें तरफ से घेरा गया है। लोक निर्माण विभाग ने इसकी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दी है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से बनाया गया अस्थायी कोविड अस्पताल बनारस में पहली बार बना है। बीएचयू के एंफीथिएटर ग्राउंड में 750 बेड के अस्थायी अस्पताल का निर्माण आने वाले बारिश को भी देखकर बनाया गया है। यह अस्थायी कोविड अस्पताल को 16 दिन में चौबीसों घंटों की मेहनत के बाद तैयार हुआ है। जर्मन हैंगर यानि लाइट वेट ट्रस होता है। इसकी लाइफ कम से कम 10 साल तक होती है। छत पर पीवीसी की मूल चादर होती है जो मोटा सीट का होता है। इस पर आंधी-तूफान झेलने की क्षमता होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि कितनी भी तेज बारिश हो, इसमे रिसाव नहीं होता है। अस्थायी अस्पताल में जगह-जगह लगे कालम (पीलर) जमीन में मजबूती के साथ बनाया गया है। साथ में पोल के ऊपर से एकरिंग की गई है जिससे तेज हवा पर जमीन से नहीं उखड़े। तय दूरी पर बड़े-बड़े नट-बोल्ट से उसे जमीन में जाम किया गया है।

इन विभागों ने दी एनओसी

जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, जलकल, बिजली, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग।

वीडीए की टीम 24 घंटे कर रही निगरानी

डीआरडीओ अस्पताल की मानीटरिंग करने के लिए विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन को नोडल अफसर बनाया गया है। वह खुद निगरानी करने के साथ संयुक्त सचिव परमांनद यादव, सहायक और अवर अभियंता को भी लगाया है। टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है।

डीआरडीओ अस्पताल सुरक्षा के दृष्टि से काफी मजबूत है

डीआरडीओ अस्पताल सुरक्षा के दृष्टि से काफी मजबूत है। तेज आधी-तूफान और बवंडर आने पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके लिए जगह-जगह एंकरिंग की गई है। उसे सामान्य मकान से ज्यादा सुरक्षित और मजबूत बनाया गया। इस बात की एनओसी दी गई है।

-सुग्रीव राम, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण

सुरक्षा को ध्यान में रखकर पूरी मजबूती से बनाया गया

डीआरडीओ अस्पताल को सुरक्षा को ध्यान में रखकर पूरी मजबूती से बनाया गया है। अंदर आधुनिक मशीन लगने के साथ मरीज रहेंगे, इस बात का पूरा ध्यान दिया गया है। जब तक कोविड-19 के लक्षण खत्म नहीं होते तब तक उसे हटाने के बारे में विचार नहीं किया जा सकता है। अंतिम निर्णय शासन का होगा।

- कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी


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