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लोक रंग से सराबोर हुआ गंगा का तट

वाराणसी : यूनेस्को की ओर से क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क श्रेणी में बनारस को सिटी आफ म्यूजिक दर्जा मिलने क

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 02:02 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 02:02 AM (IST)
लोक रंग से सराबोर हुआ गंगा का तट

वाराणसी : यूनेस्को की ओर से क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क श्रेणी में बनारस को सिटी आफ म्यूजिक दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में आयोजित सुर गंगा में गुरुवार को भैंसासुर घाट पर लोक रंग बिखरे। युगपुरुष भिखारी ठाकुर को समर्पित संगीत महोत्सव में ख्यात लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने मंच संभाला और श्रोताओं पर जादू कर डाला। हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा घाट गूंजा और इसके साथ ही सुरों की झंकार भी एकाकार हो उठी।

उन्होंने बनारस के मन मिजाज का ख्याल रखते हुए 'होरी खेले मसाने में..' से आरंभ किया। 'रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे..' समेत गीतों से मंत्र मुग्ध किया तो सुकमा में शहीद जवानों को समर्पित 'हमरे देशवा के शान हमरे देशवा के जवान..' से विभोर भी किया। मालिनी अवस्थी ने 'गोदनवा गोदईबे रे..', 'सुंदर सुदूर भूमि मे मोरे प्राण बसे रे बटोहिया ..', 'सेजिया पर लोटे काला नाग हो..', 'कचौड़ी गली सून कईला बलमू..' आदि की प्रस्तुतियां दीं। सोहर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का संदेश दिया और चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष को कजरी समर्पित किया। ख्यात भोजपुरी गायक मोहन राठौर ने 'नीमिया की डार मईया मोरी.' पचरा से भक्ति रस बरसाया। चैती 'पिया निरमोहिया हे रामा..' पेश किया और भिखारी ठाकुर रचित विदेशिया गीत 'पियवा गईने कलकतवा रे सखिया..' से अनूठे लोक की सैर कराया। 'ए सइयां जहिया से गईला पूना..' समेत कई गीत पेश किए।

बोकारो की रंजना राय द्वारा बधाई गीत 'गंगा द्वारे बधईया बाजे..' से महोत्सव का शुभारंभ हुआ। उन्होंने 'कोयल बिन बगिया ना सोहे राजा..' भी प्रस्तुत किया। सरोज वर्मा, गोविंद गोपाल, शैलबाला, नीरज सिंह, डा. अंजू भारती ने भी सुमधुर गीतों का गायन किया। सौरभ मिश्र ने सुर गंगा का थीम साग प्रस्तुत किया। भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा मुख्य अतिथि थे। स्वागत आलोक पारिख और संचालन रतिशकर त्रिपाठी, अरविन्द मिश्रा, जगदीश्वरी चौबे, घनश्याम सेठ, अपूर्वा व ओजस्वी ने संयुक्त रूप से किया।

विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि

समारोह का आरंभ गंगा आरती से किया गया। समापन फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि देकर किया गया।

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हर विधा को मंच देना ही उत्सव

ख्यात लोकगायिका मालिनी अवस्थी का मानना है कि संगीत की हर विधा को मंच देना ही उत्सव है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बनारस को सिटी आफ म्यूजिक का दर्जा मिलने पर हर्ष जताया। कहा संकट में आई संगीत की पुरानी विधाओं के दिन बहुरने की उम्मीद है। इसके लिए उनका संरक्षण के साथ कलाकारों को प्रस्तुति की पूरी छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारो ने संस्कृति की उपयोगिता को नही समझा जिसका खामियाजा लोक संगीत को उठाना पड़ा।

भोजपूरी से अश्लीलता

दूर करने की कोशिश

ख्यात भोजपुरी गायक मोहन राठौर का मानना है कि भोजपुरी को अश्लीलता की वजह से बदनामी झेलनी पड़ रही है। इससे बचाने का हर एक को प्रयास करना होगा। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

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आज गूंजेंगे देशभक्ति के तराने

सुर गंगा में शुक्रवार की शाम देश भक्ति के तराने गूंजेंगे। इसमें पुलिस, सेना समेत विभिन्न संस्थाएं प्रस्तुतियां देंगी।


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