Move to Jagran APP

UP News: दहेज हत्या में पति को आजीवन कारावास, घरवालों के साथ मिल केरोसिन डालकर आग लगा दी थी आग

दहेज हत्या के एक मुकदमे में अपर जिला जज न्यायालय ने आरोपित पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं आरोपी की मां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में नामजद भाई व फूफा पर लगे आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचना में ही नाम निकाल दिया था।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 24 May 2024 01:30 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 01:30 AM (IST)
UP News: दहेज हत्या में पति को आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, उन्नाव। दहेज हत्या के एक मुकदमे में अपर जिला जज न्यायालय ने आरोपित पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं आरोपी की मां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में नामजद भाई व फूफा पर लगे आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचना में ही नाम निकाल दिया था।

यह है मामला

कानपुर के बिठूर क्षेत्र के प्रतापपुर हरी गांव निवासी ओमप्रकाश ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि चार मार्च 2009 को उसकी बहन गोपी की शादी शुक्लागंज के रहमतनगर निवासी राजेश निषाद के साथ हुई थी। 

शादी के बाद से राजेश दहेज की मांग को लेकर परिजनों के साथ बहन से मारपीट करता था। मारपीट से तंग आकर बहन मायके वापस लौट आई थी। 27 अप्रैल 2014 को राजेश अपनी मां बेलापती के साथ उसके घर आया और बहन को विदा करा ले गया। 

चार मई 2014 को जानकारी मिली की राजेश ने मां बेलावती, भाई अनिल व फूफा चुन्नीलाल के साथ मिलकर बहन पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। मुहल्ले के लोगों ने बहन को गंभीर हालत में कानपुर के उर्सला में भर्ती कराया। 

आठ मई 2014 की शाम करीब 8:30 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध दहेज हत्या समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। 

विवेचना के दौरान भाई अनिल व फूफा चुन्नीलाल पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचक मनोज कुमार अवस्थी ने दोनों के नाम निकालते हुए पति राजेश व उसकी मां बेलापति के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। 

गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान न्यायाधीश स्वतंत्र प्रकाश ने सरकारी अधिवक्ता यशवंत सिंह के द्वारा प्रस्तुत की गई दलील व साक्ष्य के आधार पर आरोपी राजेश को दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्य के अभाव में बेलापति को सभी आरोपों से बरी कर दिया।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.