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ट्रेनों को रफ्तार देने के साथ ही ओवरलोड वाहन रोकेगा रेलवे

विद्युत इंजन दौड़ाने से पूर्व रेल और सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्य परियोजना निदेशक विद्युतीकरण ने रेलवे क्रासिग के यातायात को सुरक्षित करना शुरू किया है। खासतौर पर उन क्रासिग पर सतर्कता बरतने का कार्य किया है जहां अंडर पाथ या ओवर ब्रिज नहीं है। वहां पर हाईटगेज लगेंगे। रेल सतह से इसकी ऊंचाई 4.67 मीटर होगी। यह मानक ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:28 AM (IST)
ट्रेनों को रफ्तार देने के साथ ही ओवरलोड वाहन रोकेगा रेलवे

जागरण संवाददाता, उन्नाव : विद्युत इंजन दौड़ाने से पूर्व रेल और सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्य परियोजना निदेशक विद्युतीकरण ने रेलवे क्रासिंग के यातायात को सुरक्षित करना शुरू किया है। खासतौर पर उन क्रासिग पर सतर्कता बरतने का कार्य किया है, जहां अंडरपाथ या ओवरब्रिज नहीं है। वहां पर हाईटगेज लगेंगे, रेल सतह से इसकी ऊंचाई 4.67 मीटर होगी। यह मानक ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाएगा।

रेलवे उन्नाव-ऊंचाहार रेल खंड पर ट्रेनों को रफ्तार बढ़ाने की कवायद कर रहा है। विद्युत पोल के बाद इंसुलेटर कार्य कराने के बाद मुख्य परियोजना निदेशक रेल विद्युतीकरण की निगरानी में बचे कार्य को पूर्ण कराया जा रहा है। डीआरएम संजय त्रिपाठी के अनुसार ओएचई को लेकर कार्य शुरू हो चुका है। कर्षण तार को 25000 वोल्ट एसी द्वारा आवेषित किया जाएगा। जिसे देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस खंड के सभी फाटक पर ऊंचाई मापक रेल सतह से ऊंचे रहेंगे। मुख्य परियोजना निदेशक रेल विद्युतीकरण ने सड़क यातायात के मद्देनजर ओवरलोड वाहन से रेलवे और आम जन को होने वाले खतरे का हवाला देकर हाईटगेज जरूरी बताया है। परियोजना निदेशक के अनुसार 25000 वोल्ट एसी कर्षण को चालू किया जाना है। सीआरएस की रिपोर्ट के बाद विद्युत इंजन दौड़ेंगे।

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ओएचई का कार्य अंतिम चरण में

- ओएचई का कार्य उन्नाव-अचलगंज रेल खंड को छोड़ शेष 110 किमी में करीब करीब पूरा हो चुका है। शेष कार्य को पूरा करने के लिए एक माह का समय रेलवे द्वारा और लिया जाएगा। डीआरएम के आदेश पर टीआरडी अनुभाग के इंजीनियर द्वारा कार्य तेज कराया गया है। ऊंचाहार से उन्नाव की ओर बैसवारा, तकिया, इंदेमऊ, बंड हमीरपुर, बीघापुर, रावतपुर टिकौली समेत ज्यादातर रेल खंड में ओएचई कार्य पूरा हो चुका है।


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