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आयोग ने ग्राहक सेवा में पाई कमी, अब सवा एक लाख से अधिक क्षतिपूर्ति भरेगी बीमा कंपनी; बीमा अवधि में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी वाहन

बीमा अवधि में दुर्घटनाग्रस्त वाहन के क्षतिपूर्ति का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा न करने को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने ग्राहक सेवा में कमी का मामला पाया है। पीड़ित ने टैक्सी का बीमा द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से करवाया था। 24 जून 2010 को हलियापुर के पास ट्रक की टक्कर से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। सूचना के बाद विपक्षी की ओर से गाड़ी का सर्वे करवाने...

By Satya Prakash Edited By: Riya Pandey Published: Tue, 23 Apr 2024 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 07:37 PM (IST)
अब सवा एक लाख से अधिक क्षतिपूर्ति भरेगी बीमा कंपनी

संवाद सूत्र, सुलतानपुर। बीमा अवधि में दुर्घटनाग्रस्त वाहन के क्षतिपूर्ति का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा न करने को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने ग्राहक सेवा में कमी का मामला पाया है। उसने क्षतिपूर्ति 1,28,145 रुपये अदा करने को कहा है।

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साथ ही शारीरिक-मानसिक कष्ट व वाद व्यय के लिए दो हजार रुपये अलग से भरने होंगे। आयोग ने यह निर्णय नेवादा जमालपुर इसौली के मणिराम सिंह द्वारा दायर परिवाद में दिया है।

पीड़ित ने टैक्सी का बीमा द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से करवाया था। 24 जून, 2010 को हलियापुर के पास ट्रक की टक्कर से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। सूचना के बाद विपक्षी की ओर से गाड़ी का सर्वे करवाने के बाद क्लेम फार्म भरवाया गया। पीड़ित ने गाड़ी बनवाने का खर्च 1,28,145 रुपये का बिल दिया। क्लेम के भुगतान में आनाकानी करने के बाद सात फरवरी 2011 को आयोग में परिवाद दायर कर क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की।

विपक्षी का जवाबदावा

बीमा कंपनी ने अपने जवाबदावा में कहा कि सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर वाहन की क्षतिपूर्ति की धनराशि 44,695 रुपये निर्धारित की गई। परिवादी ने बाउचर पर हस्ताक्षर तो कर दिया, लेकिन धनराशि लेने से इन्कार कर दिया। उसने अधिक क्षतिपूर्ति पाने के लिए अलग-अलग कोटेशन और बिल बिना टिन नंबर फर्जी प्रस्तुत किए हैं।

आयोग का अभिकथन

आयोग ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों केे आधार पर पाया कि परिवादी ने बनवाई से संबंधित एस्टीमेट आठ की संख्या में दाखिल की है। इससे उसकी बात को बल मिलता है। परिवादी को क्षतिपूर्ति की धनराशि अदा न करके ग्राहक सेवा में कमी की गई है। इसलिए परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है।

निर्णय

आयोग के अध्यक्ष राम लखन सिंह चंद्रौल व सदस्य भारत भूषण तिवारी ने अपने संयुक्त आदेश में विपक्षी को वाहन की क्षतिपूर्ति 1,28,145 रुपये का भुगतान देने को कहा है। साथ ही शारीरिक-मानसिक कष्ट व वाद व्यय के लिए पांच हजार रुपये अतिरिक्त अदा करने होंगे।

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