Ayushman Yojana: यूपी के इस जिले में 24,368 मरीजों पर सरकार खर्च चुकी है साढ़े 37 करोड़, पहले उपचार से कतराते थे गरीब परिवार
Ayushman Card प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना का लाभ लेते हुए अब तक 24368 मरीज अपना उपचार करा चुके हैं। पहले गरीबों को बड़ी बीमारी होने या किसी तरह का ऑपरेशन कराने के लिए परेशान होना पड़ता था। रुपये जेब में न होने के कारण लोग उपचार कराने से कतराते थे। लोगों की इस समस्या को केंद्र में सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीरता से लिया।
संवाद सहयाेगी, सोनभद्र। Ayushman Bharat Yojana: प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना गरीबों के लिए रामबाण साबित हो रही है। इस योजना का लाभ लेते हुए अब तक 24,368 मरीज अपना उपचार करा चुके हैं। इन मरीजों पर वर्ष 2018 से अब तक 37 करोड़ 27 लाख, 81 हजार, 326 रुपये सरकार खर्च कर चुकी है।
पहले गरीबों को बड़ी बीमारी होने या किसी तरह का ऑपरेशन कराने के लिए परेशान होना पड़ता था। रुपये जेब में न होने के कारण लोग उपचार कराने से कतराते थे। लोगों की इस समस्या को केंद्र में सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीरता से लिया।
उन्होंने गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार के लिए आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लांच किया था और वर्ष 2018 से यह प्रभावी हुई। इस याेजना से 2,43,437 परिवार लक्षित किये गए। इन परिवारों के 8,50,510 सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। स्वास्थ्य विभाग इसमें से अब तक 6,20,456 लोगों का कार्ड बना चुका है।
अब तक 16,392 वरिष्ठ नागरिकों का बन चुका है कार्ड
केंद्र सरकार ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों का विशेष तौर पर आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद अब कि 16,392 वरिष्ठ नागरिकों का कार्ड स्वास्थ्य विभाग बना चुका है जबकि अभी 26,951 वरिष्ठ नागरिकों का कार्ड बनाने का लक्ष्य है। 1,58,076 पीवीसी कार्ड में से 1,55,376 कार्ड बन चुका है।
29 स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान के तहत होता है निश्शुल्क उपचार
आयुष्मान योजना के तहत गरीबों के निश्शुल्क उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 29 अस्पतालों को चिह्नित किया है। आयुष्मान क्लेम के लिए जिला अस्पताल, सीएचसी घोरावल, दुद्धी, बभनी, म्योरपुर, नगवां, चोपन और पीएचसी केकराही को केंद्र बनाया गया है। इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक 1012 क्लेम हो चुके हैं।
सोनभद्र मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अश्वनी कुमार के अनुसार, जनपद में लक्ष्य की तुलना में अब तक 6,20,456 कार्ड बनाए जा चुके हैं। 24,368 मरीजों का उपचार निश्शुल्क हो चुका है। उन पर 37,27,81,326 रुपये खर्च हो चुके हैं। जांच के बाद ही स्वास्थ्य केंद्रों को भुगतान किया जाता है।