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विद्यालयों में स्वेटर वितरण नहीं होने से ठिठुर रहे बच्चे

कंपकपाती ठंड शुरू हो गई है लेकिन सरकारी विद्यालयों में बच्चों को स्वेटर वितरण की शुरुआत नही हुई है। ऐसे में अब म्योरपुर ब्लाक के लगभग 400 सरकारी विद्यालयों में दिसंबर तक भी स्वेटर वितरण का कार्य अब एक कोरम सा बन कर रह जाने की संभावना दिख रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 06:01 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:01 PM (IST)
विद्यालयों में स्वेटर वितरण नहीं होने से ठिठुर रहे बच्चे

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : ठंड शुरू हो गई है, लेकिन सरकारी विद्यालयों में बच्चों को स्वेटर वितरण की शुरुआत नहीं हो पाई। म्योरपुर ब्लाक के लगभग 400 सरकारी विद्यालयों में दिसंबर शुरू होने के बाद भी स्वेटर का वितरण नहीं हो पाया है। प्रदेश सरकार द्वारा सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही सभी परिषदीय विद्यालयों में स्वेटर वितरण के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन म्योरपुर ब्लाक में अभी तक स्वेटर वितरण का कार्य नहीं किया गया है।

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ब्लाक में उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 388 है। जहां लगभग 46 हजार से भी ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। शासन द्वारा सभी बच्चों को नवंबर के प्रथम सप्ताह तक ही स्वेटर वितरण कर दिए जाने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिया गया था। लेकिन दुर्भाग्य है कि म्योरपुर ब्लाक में अभी तक स्वेटर वितरण कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। शासन से स्वेटर के लिए धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में प्रेषित भी कर दिया गया है। बावजूद इसके स्वेटर वितरण की प्रक्रिया बदल दिए जाने से विद्यालयों के प्रधानाध्यापक असमंजस में पड़े हुए हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में बच्चों के लिए स्वेटर खरीदने एवं वितरण का कार्य शासन द्वारा प्रधानाध्यापकों से हटा लिया गया है। स्वेटर का भुगतान तो प्रधानाध्यापक और एसएमसी अध्यक्ष ही करेंगे, लेकिन स्वेटर की गुणवत्ता के चयन, क्रय और वितरण का अधिकार ई टेंडरिग के माध्यम से ठेकेदारों को दे दिया गया है। ऐसे में स्वेटर ठेकेदारों द्वारा स्कूल तक पहुंचा कर कब वितरण किया जाएगा यह किसी को पता नहीं। ब्लाक के लगभग 400 विद्यालयों में समय पर स्वेटर पहुंचाना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य दिख रहा है। एक सप्ताह के अंदर होगी आपूर्ति

खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर एसपी सहाय ने बताया कि इस वर्ष स्वेटर क्रय करने की व्यवस्था जेम पोर्टल से किया गया है। जिसके तहत संविदाकार द्वारा समय से आपूर्ति नहीं किए जाने से उसे उच्चाधिकारियों द्वारा काली सूची में डाल दिया गया है। अन्य वितरक द्वारा एक सप्ताह में आपूर्ति किए जाने की संभावना है।


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