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कोविड टीकाकरण के लिए सभी को प्रेरित करें : डीएम

डीएम ने रामकोट पीएचसी के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 11:51 PM (IST)
कोविड टीकाकरण के लिए सभी को प्रेरित करें : डीएम

सीतापुर : शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण डीएम विशाल भारद्वाज ने किया। डीएम ने अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं, दवा, कोल्ड चेन का निरीक्षण किया। दवाओं की एक्सपायरी भी देखी। डीएम ने ओपीडी रजिस्टर, उपस्थिति पंजिका, स्टाक रजिस्टर का अवलोकन किया। डीएम ने वैक्सीनेशन टीम सदस्य रश्मि पाल, मीना मिश्रा, सरोज कुमारी से टीकाकरण की जानकारी ली। लोगों से भी बातचीत की। डीएम ने पीएचसी प्रभारी को निर्देश दिए कि कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर प्रोटोकाल का पालन किया जाए। टीकाकरण के सभी मानकों को पूरा किया जाए। टीकाकरण के लिए आने वाले लोगों को प्रेरित करें कि परिवार के सभी सदस्यों का टीकाकरण करा लें। अगर कोई छूट गया तो उसका टीकाकरण कराएं। पहली डोज लग चुकी है तो दूसरी डोज भी समय से लगवाएं। टीकाकरण के लिए विभिन्न गांवों में भी समय-समय पर रोस्टर अनुसार कैंप लगाकर टीकाकरण किया जा रहा है। इसकी जानकारी जन सामान्य को मुहैया कराया जाए। लोगों से कहा कोविड से बचाव के लिए पूरी तरह सतर्कता बरतें। शारीरिक दूरी के साथ मास्क का प्रयोग करें। साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। सावधानी ही इससे बचाव है। एसीएमओ डा. पीके सिंह, पीएचसी प्रभारी डा. विपिन वर्मा, दिलीप श्रीवास्तव, कमलेश कुमार समेत स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। दुष्कर्मी को 20 वर्ष का कारावास

सीतापुर : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 16 पाक्सो एक्ट हितेंद्र हरी ने दुष्कर्म के मामले में एक अभियुक्त को दोष सिद्ध करते हुए 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान ने की।

शहर कोतवाली इलाके की निवासी पीड़ित ने 30 अगस्त 2013 को रिपोर्ट लिखाई कि वह शाम को शौच के लिए रेलवे लाइन के किनारे गई थी। वहां पहले से घात लगाकर बैठे रमेश उर्फ पूली व राजेश निवासी ग्वाल मंडी ने अवैध असलहे के बल पर उसे सुनसान स्थान पर ले गए। वहां बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद धमकी दी कि हमारे खिलाफ रिपोर्ट लिखाई तो तुम्हारी नेत्रहीन मां सहित पूरे परिवार को गोली से उड़ा देंगे। पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना की और आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। विद्वान न्यायाधीश ने ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलों को सुनने के उपरांत अभियुक्त राजेश को दोष सिद्ध करते हुए 20 वर्ष के कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश सुनाया।


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