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सीतापुर से बालामऊ तक इलेक्ट्रिक रेल लाइन का सीआरएस

रेल संरक्षा आयुक्त बोले विद्युत ट्रेन संचालक का ट्रायल हुआ है अब जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने की उम्मीद

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 11:44 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 11:44 PM (IST)
सीतापुर से बालामऊ तक इलेक्ट्रिक रेल लाइन का सीआरएस

सीतापुर : रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एसके पाठक ने सोमवार को सीतापुर से बालामऊ तक के इलेक्ट्रिक रेलवे लाइन का निरीक्षण किया है। वह सिटी स्टेशन पर डीजल इंजन से आए थे। इसके बाद वह सीतापुर जंक्शन पहुंचकर स्पेशल इलेक्ट्रिक ट्रेन पर सवार होकर सिटी स्टेशन लौटे और यहीं से वह बालामऊ के लिए रवाना हुए। सिटी स्टेशन पर सीआरएस एसके पाठक ने बताया, अभी इलेक्ट्रिक रेल लाइन का सीआरएस निरीक्षण चल रहा है। बालामऊ से सीतापुर कैंट के बीच तक का इलेक्ट्रिक लाइन का निरीक्षण किया जा रहा है। ट्राली, पुल, क्रासिग गेट का निरीक्षण किया है। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि रही बात सीतापुर सिटी से बालामऊ तक इलेक्ट्रिक ट्रेन संचालन की तो वह कोविड-19 से कवर्ड है। केंद्रीय मंत्रालय से जैसे आदेश-निर्देश मिलेंगे उसी हिसाब में ट्रेनों के संचालन वृद्धि की जाती रहेगी।

सीआरएस निरीक्षण के दौरान डीआरएम तरुण प्रकाश, इलेक्ट्रिक अनुभाग के प्रमुख अभियंता समेत कई उच्च अधिकारी मौजूद थे। उधर, सिटी स्टेशन अधीक्षक श्रीराम वर्मा ने बताया कि सीआरएस का निरीक्षण हुआ है। अब सप्ताह दस दिन में निरीक्षण रिपोर्ट आएगी, उसके बाद ही रेल लाइन पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन के संबंध में निर्देश मिलेंगे। दूसरी तरफ वरिष्ठ खंड अभियंता रेल पथ एपी त्रिपाठी ने बताया, सीतापुर से बालामऊ तक करीब 60 किमी तक के इलेक्ट्रिक रेलवे ट्रैक का सीआरएस सोमवार को हुआ है। इसके बाद अब मंगलवार को बालामऊ से उन्नाव तक के ट्रैक का सीआरएस होना है। इस तरह सीतापुर से उन्नाव तक करीब 170 किमी लंबे रेलवे ट्रैक पर जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेनों के दौड़ने की उम्मीद बढ़ गई है। अभियंता ने बताया, सीआरएस के दौरान अधिकारी रेल लाइन की सेफ्टी देखते हैं।

75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

रेल अभियंता ने बताया, अभी तक सीतापुर-बालामऊ रेलवे ट्रैक पर डीजल इंजन वाली गाड़ियां चलती रही हैं। अब सीआरएस हो गया है, इसलिए जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलनी शुरू हो जाएंगी। ये ट्रेनें अब 75 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। अभी तक ये डीजल इंजन वाली ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पाती थीं।


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