खुद गायब, मजदूर से करा रहे सफाई
सिद्धार्थनगर : सफाई कर्मियों द्वारा दायित्वों के निर्वाहन में नया फंडा इस्तेमाल किया जा रहा है। खुद
सिद्धार्थनगर : सफाई कर्मियों द्वारा दायित्वों के निर्वाहन में नया फंडा इस्तेमाल किया जा रहा है। खुद मोटी तनख्वाह लेते हैं और सफाई प्राइवेट कर्मी को रोज आना की मजदूरी के भरोसे छोड़ देते हैं।
डुमरियागंज विकास खंड के ग्राम भालू कोनी में दो सफाई कर्मचारी तैनात हैं। परंतु शायद ही कभी गांव में नजर आते हों। कहीं जांच में पोल न खुल जाए इससे बचने के लिए एक प्राइवेट मजदूर को सफाई करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। 150 रुपए प्रतिदिन मजदूरी के हिसाब यह व्यक्ति कभी यहां आता है और मुख्य मार्ग व इसके बगल की नाली को साफ कर वापस चला चला जाता है। अंदर गली, कूचे के गंदगी के ढेर व बजबजाती नाली की तरफ वह भी नहीं देखता है। सोमवार को नाली की सफाई करते समय नईम नाम के इस किराए कर्मी ने बताया कि जब गांव की सफाई करानी होती है, तो मुझे फोन करके बुला लिया जाता। महीने में तीन-चार बार आते हैं जिसकी मजदूरी डेढ़ सौ रुपए प्रतिदिन दे दी जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कोई जिम्मेदार गांव की सफाई व्यवस्था की जांच करने नहीं आता है, जिसके कारण कर्मचारी मनमाना रवैया अपनाए हुए हैं।
एडीओ पंचायत वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मौके पर जांच करेंगे। यदि सफाई कर्मी प्राइवेट मजदूर से सफाई कराते हैं तो निश्चित ही उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सफाई को लेकर गंभीर नहीं महकमा
इटवा विकास खंड में साफ सफाई को लेकर महकमा गंभीर नहीं है। गंदगी, जल जमाव व कचरे का ढेर गांव की पहचान बनी हुई है। गांव में बढ़ते मच्छरों की संख्या ने ग्रामीणों की नींद हराम कर रखा है। बावजूद जिम्मेदार सोए हुए हैं।
विकास खंड के ग्राम खानकोट सेमरी में गंदगी से कराह रही नालियां स्वच्छता अभियान को चिढ़ाने का काम कर रही हैं। गांव में सफाईकर्मी की तैनाती होने के बाद भी गांव में गंदगी का अंबार विभागीय लापरवाही की पोल खोलने के लिए काफी है। यही हाल इटवा का है, जहां साफ सफाई के अभाव में घरों का गंदा पानी हमेशा सड़क पर पसरा रहता है। ग्रामीणों में हसमुल्लाह ने बताया कि सफाई न होने के चलते पूरा गांव गंदगी की गिरफ्त में है। शिकायत के बाद भी सफाईकर्मी पर कार्रवाई न होने से उसका मनमाना रवैया जारी है। नियाज ने बताया कि गंदगी के चलते उठ रही दुर्गध लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। मुरली ने बताया कि नालियों में गंदा पानी जमा रहने से मच्छरों की संख्या में बेतहाशा तेजी हो रही है। बावजूद इस तरफ कोई ध्यान देने वाला नहीं है। घनश्याम गुप्ता ने बताया कि सफाईकर्मी ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी की मिली भगत से ही महीने तनख्वाह उठा रहे हैं। जिससे स्वच्छता से उनका कोई लेना नहीं रहता है। दीनदयाल मिश्र, शिवपाल सिंह, राम लखन मिश्र आदि ने डीपीआरओ से जांच कर जरूरी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
एडीओ पंचायत सभयराज यादव का कहना है कि गांव में सफाईकर्मियों पर निगरानी के लिए ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को कड़े निर्देश दिए गए है। यदि बिना काम के पेरोल बनाया जाता मिला तो संबंधित पर कार्रवाई की संस्तुति उच्चाधिकारियों से की जाएगी।