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रेललाइन के दोहरीकरण से विकास की पटरी पर दौड़ेगा शामली

शामली जेएनएन। रेल बजट जल्द ही संसद में पास होने वाला है। इस बजट से शामलीवासियों को बड़ी उम्मीद हैं। कई साल पहले तत्कालीन भाजपा सांसद के प्रयास से रेलवे ने दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए 1500 करोड़ का बजट पास किया था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूरी योजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आने वाले बजट में इस योजना को शामिल किया जाए तो शामली के विकास को पंख लग सकते हैं। योजना को बजट में शामिल करने के लिए मांग भी उठाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:11 PM (IST)
रेललाइन के दोहरीकरण से विकास की पटरी पर दौड़ेगा शामली

शामली, जेएनएन। रेल बजट जल्द ही संसद में पास होने वाला है। इस बजट से शामलीवासियों को बड़ी उम्मीद हैं। कई साल पहले तत्कालीन भाजपा सांसद के प्रयास से रेलवे ने दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए 1500 करोड़ का बजट पास किया था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूरी योजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आने वाले बजट में इस योजना को शामिल किया जाए तो शामली के विकास को पंख लग सकते हैं। योजना को बजट में शामिल करने के लिए मांग भी उठाई गई है।

अंग्रेजी शासनकाल में दिल्ली से सहारनपुर जाने के लिए शामली के रास्ते रेल लाइन बनाई गई थी। तब से आज तक इस रेल लाइन को विकास के नाम पर कुछ ज्यादा नहीं मिल सका। कई साल पहले लंबी दूरी की ट्रेन, दोहरीकरण व विद्युतीकरण की मांग उठाई गई, लेकिन विद्युतीकरण का कार्य भी कुछ माह पूर्व ही चालू हो पाया। अन्य दोनों मांगों को पूरा नहीं किया गया। यह हाल तब है जब तत्कालीन सांसद हुकुम सिंह के प्रयास से 1500 करोड़ का बजट दोहरीकरण के लिए पास किया गया। 1214 करोड़ के डीपीआर (डिटेल प्रोजक्ट रिपोर्ट) की फाइल बनाकर अधिकारियों को भेज दी गई। बावजूद इसके फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। परिणामस्वरूप यह योजना यहीं पर दफन होकर रह गई। वर्ष 2016 में तत्कालीन भाजपा सांसद के अनुरोध पर रेलमार्ग के विद्युतीकरण, दोहरीकरण का शिलान्यास रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने सहारनपुर के नानौता में किया था।

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यूं ठंडे बस्ते में पहुंची फाइल

दोहरीकरण की फाइल डीपीआर बनने के बाद भी ठंडे बस्ते में चली गई। सामाजिक संगठन अग्रवाल मित्र मंडल के पदाधिकारियों के पत्राचार से यह साबित हुआ है। बताया गया कि तत्कालीन भाजपा सांसद के प्रयास से दोहरीकरण व विद्युतीकरण की योजना पूरी होती दिखाई देने लगी थी लेकिन उनके निधन के बाद कार्रवाई को पूरा कराने के लिए संगठन पदाधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों से पत्राचार किया। पता चला कि रेलवे के डायरेक्टर ने 24 सितंबर 2019 को विभागीय मुख्य विद्युत इंजीनियर को पत्र भेजकर योजना के बारे में कहा कि इस योजना की अभी आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं फाइल में भी कई खामियां बताई गई। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि योजना के लिए डीपीआर तो जारी की गई, मगर वन विभाग से मंजूरी के प्रयास नहीं किए गए। इंजीनियर स्केल प्लान व जनरल एंग्रीमेंट ड्राइंग भी नहीं दी गई थी।

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इन्होंने कहा-

बजट पास होने व डीपीआर बनने के बाद फाइल के ठंडे बस्ते में पहुंचने के मामले में रेलवे अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। लापरवाह अधिकारियों को पदमुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को पत्र भेजा गया। कुछ दिन बाद रेल बजट पेश किया जाएगा, यदि दोहरीकरण की फाइल इस बजट में शामिल की जाती है तो शामली जनपद में विकास की राह खुल जाएगी। युवा रोजगार के लिए दिल्ली आ जा सकेंगे।

- अनुज बंसल, सचिव, अग्रवाल मित्र मंडल, शामली।


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